लंदन। ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक दवा कारोबारी को सिर्फ डॉक्टर के पर्चे पर ही दी जाने वाली दवाइयों की कालाबाजारी करने के जुर्म में 12 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। दरअसल मामले का नेतृत्व करने वाले ब्रिटेन के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्पाद नियामक प्राधिकरण (एमएचआरए) के साथ कानून लागू करने वाली एजेंसी के अधिकारी ग्रांट पॉवेल ने कहा, नियंत्रित, गैरलाइसेंसीकृत या डॉक्टर के पर्चे के आधार पर ही दी जाने वाली दवा को इस तरीके से बेचना गंभीर अपराध है।

बलकीत सिंह खैरा वेस्ट ब्रोमविच में अपनी मां की खैरा फार्मेसी में काम करता था। उसे बर्मिंघम क्राउन अदालत ने मंगलवार को सजा सुनाई। अदालत को बताया गया कि 36 वर्षीय आरोपी ने सिर्फ डॉक्टर के पर्चे के आधार पर ही दी जाने वाली दवाओं को 2016 और 2017 के दौरान बेचा और बड़ा मुनाफा कमाया। इस सप्ताह खैरा ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था, जिसके बाद अदालत ने फैसला सुनाया।

हालांकि, मामले में उसकी मां आपराधिक गतिविधि में लिप्त नहीं पाई गईं। अंतरिम आदेश के तहत खैरा का नाम जनरल फार्मास्युटिकल काउंसिल के फार्मासिस्ट रजिस्टर से हटा दिया गया है। यानी अब वह अदालत के आदेश आने तक बतौर फार्मासिस्ट काम नहीं कर सकेगा।