हल्द्वानी। सुशीला तिवारी अस्पताल में दवा की दुकान की टेंडर को लेकर सवाल उठ रहे हैं। टेंडर में पांच करोड़ से अधिक का प्रतिवर्ष टर्नओवर मांगा गया है। साथ ही सरकारी, अर्द्ध सरकारी या मेडिकल कॉलेज का पांच वर्ष का अनुभव प्रमाण पत्र जैसी शर्त भी लगाई गई है। टेंडर की शर्तों को लेकर दवा विक्रेता विरोध कर रहे हैं। सोमवार को प्राचार्य के समक्ष एक दवा विक्रेता ने टेंडर को लेकर सवाल खड़े करते हुए लिखित में आपत्ति दर्ज कराई है।

एसटीएच में मेडिकल स्टोर को किराये पर संचालित करने के लिए टेंडर निकाला गया है। टेंडर 26 अगस्त को खुलेगा। सोमवार को टेंडर को लेकर आपत्तियां मांगी गई थी। एक दवा विक्रेता ने लिखित में आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि दवाइयां न्यूनतम 57.60 और सर्जिकल सामग्री 63.90 प्रतिशत की छूट पर क्रय की जा रही हैं मगर मरीजों को इतनी छूट नहीं दी जा रही है। टेंडर के लिए 05 करोड़ 70 लाख रुपये हैसियत प्रमाण पत्र भी मांगा गया है।

दवा विक्रेता ने कहा कि निविदा की शर्त पूरी करने के बाद हैसियत प्रमाण पत्र का कोई औचित्य नहीं है। पिछली निविदाओं में कार्यक्षेत्र का पांच वर्ष का अनुभव मांगा गया था। इस बार सरकारी, अर्द्धसरकारी चिकित्सालय या मेडिकल कॉलेज से पांच वर्ष का कार्य अनुभव प्रमाण पत्र लाने को कहा गया है। ऐसी शर्तों से स्थानीय फुटकर या थोक विक्रेताओं को लाभ नहीं मिल पाएगा।

टेंडर को लेकर आपत्ति आ रही है। टेंडर की शर्तों में संशोधन करने को निर्देश दिए गए हैं।
-डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज