नई दिल्ली। औषधि मूल्य नियामक (एनपीपीए) ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर वे सभी दवाओं के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले चीन से आयातित कच्चे माल की उपलब्धता का ध्यान रखें। मुख्य सचिवों नाम लिखे गए पत्र में, राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकार (एनपीपीए) की अध्यक्ष शुभ्रा सिंह ने राज्य अधिकारियों से इन वस्तुओं यानी कच्चे माल की जमाखोरी को रोकने के लिए पूरी स्थिति पर करीबी नजर रखने को कहा है। हालांकि, प्रमुख दवा उद्योग संघों ने सरकार को आश्वासन दिया है कि देश में दवाओं में इस्तेमाल होने वाली सक्रिय औषधिय सामग्री (एपीआई) / फार्मूलेशन यानी महत्वपूर्ण रसायनों का पर्याप्त भंडार है। फिर भी चीन से आयात किये जाने वाले एपीआई/ मध्यवर्ती / केएसएम के संबंध में सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों के एक उपाय के रूप में, यह अनुरोध किया जाता है कि राज्य सरकारें और केन्द्र शासित प्रदेश, एपीआई एवं उनके फार्मूलेशन के उत्पादन एवं उनकी उपलब्धता की करीबी निगरानी कर सकते हैं और कालाबाजारी एवं जमाखोरी को रोक सकते हैं। एनपीपीए प्रमुख ने अधिकारियों को दवा मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ), 2013 के तहत प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने को भी कहा है। गौरतलब है कि भारत ‘एपीआई’ और ‘प्रमुख स्टार्टिग सामग्री’ (केएसएम) के आयात के लिए चीन पर बहुत हद तक निर्भर है। ऐसी आशंका है कि ‘कोविद -19’ प्रकोप के मद्देनजर चीन से सप्लाई बाधित हुई तो इसके परिणाम स्वरूप देश में दवाओं की कमी हो सकती है।