मुजफ्फरपुर। क्षेत्र में दवा के नाम पर शराब के अवैध कारोबार का मामला सामने आया है। माफिया कारोबार के नए नए पैंतरे आजमा रहे हैं। कभी पार्सल वैन में, कभी एंबुलेंस में तो कभी टूरिस्ट बस में शराब की खेप लाने पर पकड़े जा चुके शराब माफिया अब दवा के कार्टन में शराब ला रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला हरियाणा से लाए गए एक ट्रक से शराब की जब्ती के बाद हुआ। इस बार तस्करों ने दवा और दारू के करीबी रिश्तों का फार्मूला अपनाते हुए शराब की तस्करी की। उत्पाद विभाग को सूचना मिली थी कि अहियापुर इलाके में कहीं शराब अनलोड किया जाना है। पंजाब नंबर के ट्रक में हरियाणा से शराब लादकर मुजफ्फरपुर लाया जा रहा था, जिसे अहियापुर में उतार कर मुजफ्फरपुर के अलावे शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी और पूर्वी चंपारण में भेजना था। गुप्त सूचना के आधार पर उत्पाद अधीक्षक दीनबंधु ने उक्त ट्रक की तलाश की। अहियापुर के झपहा के पास सडक़ किनारे संदिग्ध हालत में ट्रक खड़ी थी। जैसे ही उत्पाद अधीक्षक की गाड़ी रुकी, ट्रक के चालक खलासी समेत कई लोग फरार हो गए। ट्रक की जांच की गई तो कार्टून में बीमारों को चढ़ाए जाने वाला पानी यानी स्लाइन भरा था, लेकिन स्लाइन की बोतल हटाने के बाद उन्हीं कार्टून में शराब की बोतलें रखी गई थी। शराब कारोबारियों के इस कारनामे से सभी हैरान रह गए क्योंकि सभी कार्टूनों को चेक करने के बाद भी शराब पकड़ा जाना मुश्किल था। सभी कार्टून में नीचे शराब की बोतलें सजाई गई थी और ऊपर से 2 लेयर सलाइन की बोतलें लगाई गई थी। विभाग ने ट्रक को जब्त किया तो उसमें 281 कार्टन विदेशी शराब पाई गई। जांच में पता चला कि अहियापुर के कारोबारी समीर राय और सुनील राय की शराब थी। उत्पाद अधीक्षक दीनबन्धु ने बताया कि कारोबारी अपने लाभ के लिए दवा भी बदनाम कर रहे हैं। पहले जांच के दौरान दवा वाली गाडिय़ों को छोड़ दिया जाता था लेकिन अब दवा की गाडिय़ां भी पूरी तरह चेक की जाएंगी।