रांची: झारखंड के लातेहार जिले की सरकारी दवाईयों में बड़ी गड़बड़ी सामने आई। दरअसल, सरकारी अस्पतालों में दी जाने वाली दवा पर नोट फॉर सेल लिखा होना जरूरी है लेकिन यहां मरीजों को जो दवा देते हैं उन पर एमआरपी अंकित है। यह सच उस वक्त उजागर हुआ जब एसडीएम वरुण रंजन जांच करने पहुंचे। एसडीएम ने चंदवा, मुरूप अस्पतालों में जांच की। एमआरपी लिखी दवा की आपूर्ति होने के बाद शक हुआ कि यहां कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी, डॉक्टर, दलाल और दवा विक्रेताओं के बीच गहरी सांठगांठ है। या तो सरकारी दवाएं बाहर दवा दुकानदारों को बेची जा रही है या फिर सरकारी सप्लाई में कमी दिखाकर मरीजों से पैसे वसूलने के लिए ऐसा हो रहा है। एसडीएम सरकारी दवा में घोटाले की बात स्वीकारते हैं। उहोंने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन झारखंड सरकार के निदेशक को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा है। जांच के दौरान दवा काउंटर पर ही एमआरपी अंकित दवा खुले में रखी थी। मरीजों ने एसडीएम को बताया कि अधिकतर दवाइयां उपलब्ध नहीं रहती है। एसडीएम ने कहा कि यह बड़ा दवा घोटाला हो सकता है।