नई दिल्ली : दवा के काले कारोबार पर सरकार बड़ी चोट करने जा रही है. दवा के हर पत्ते पर उसका पूरा विवरण दर्ज होगा. यह विवरण QR कोड के भाषा में दर्ज होगा. इसे स्कैन कर दवा के पूरे विवरण की जानकारी ली जा सकेगी.

2023 से यह व्यवस्था लागू हो जाएगा. यह नियम एथिकल व जेनरिक दोनों प्रकार के दवाओं पर लागू होगा. जेनरिक दवाओं पर क्यूआर कोड होगा. यदि एथिकल ब्रांड की दवा है तो उसका नाम दर्ज होगा.

क्यूआर कोड स्कैन करते ही कंपनी का नाम, पता, बैच नंबर, लाइसेंस नंबर सहित दवा के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी. इससे बिना लाइसेंस के बनने वाली और बिना बैच नंबर के बेची जा रही औषधियां अब बाजार से गायब हो जाएंगी.

दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया ने कहा कि इस संदर्भ में केन्द्र सरकार ने आदेश जारी कर दिया है. दवा निर्माता कंपनियां इसकी तैयारी कर रहीं हैं. कुछ कंपनियों ने इसे शुरू कर दिया है.

केन्द्र सरकार ने नकली दवाओं का कारोबार को खत्म करने के लिए यह अहम फैसला लिया है. सभी दवाओं के पैक व स्ट्रिप (पत्ते) पर क्विक रिस्पांस (QR) कोड अनिवार्य हो जाएगा. इसके बिना कोई दवा नहीं बेची जाएगी.

इस संबंध में केंद्र सरकार ने सभी दवा कंपनियों को आदेश दे दिया है. 2023 के पहले दवा कंपनियों को इसकी तैयारी करने को कहा गया है.