राजनंदगांव (छग)। क्रिश्चियन फेलोशिप मोतियाबिंद ऑपरेशन कांड मामले में दवा -वैक्सीन के सभी सैंपलों की जांच रिपोर्ट आ गई है। 15 में से 4 सैंपल फेल मिले है। इनमें फेल होने वाले दो सैंपल की रिपोर्ट पर संबंधित कंपनियों ने आपत्ति उठाई है। उक्त दो सैंपलों की जांच दोबारा कराई जाएगी। बता दें कि ड्रग विभाग की ओर से दवा और वैक्सीन के 15 सैंपलों को जांच के लिए कोलकाता लैब भेजा गया था। यहां से एमबी जेंटा, एमबी डेक्सा, वीकेम और विस्कोलोन वैक्सीन के सैंपल कुछ पैरामीटर में फेल करार दिए गए हैं। पहले क्रम की तीन वैक्सीन हिमाचल की फार्मा कंपनियों में बनाई गई थी। जबकि विस्कोलोन वैक्सीन गुजरात में बनी है। ड्रग विभाग से अधिकारी संजय झाड़ेकर ने बताया कि संबंधित कंपनियों को नोटिस देकर दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। स्पष्ट जवाब नहीं देने पर कंपनियों को रिमाइंडर भेजा गया है।
कंपनियों ने दो सैंपल रिपोर्ट को चुनौती दी है। इधर, मोतियाबिंद ऑपरेशन कांड में घिरे क्रिश्चियन फेलोशिप अस्पताल को ऑपरेशन के लिए स्वास्थ्य विभाग से एनओसी दी जा चुकी है, लेकिन अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत अनुबंध का काम अभी भी बाकी है। कलेक्टर कार्यालय में अनुबंध की प्रक्रिया रोक दी गई है। अनुबंध होने तक नि:शुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन नहीं किया जा सकेगा। मोतियाबिंद ऑपरेशन कांड के पीडि़तों को आठ महीने बाद भी मुआवजा नहीं मिल पाया है। मुआवजे को लेकर संचालनालय व स्थानीय अफसर सही जवाब दे रहे है। गौरतलब है कि फरवरी 2018 के अंतिम सप्ताह में क्रिश्चियन फेलोशिप अस्पताल में बल्क में मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए गए थे। इसके बाद संक्रमण के कारण 30 से अधिक लोगों की आंख खराब हो गई, जिसे दोबारा ऑपरेशन कर निकालना पड़ा।