रायपुर। छत्तीसगढ़ में दवाओं की जांच का सिस्टम बदलने जा रहा है, अब वहीं दवाएं राज्य से बाहर जांच के लिए भेजी जाएंगी, जिनकी जांच राज्य में संभव नहीं होगी। नए सिस्टम के मुताबिक, जिन दवाओं की जांच राज्य में संभव है उनको रायपुर स्थित खाद्य एवं औषधि प्रसाधन विभाग की प्रयोगशाला में जांचा जाएगा।

प्रदेश में दवाओं की जांच के सिस्टम में बदलाव को लेकर छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉपोर्रेशन ने शासन से दिशा निर्देश मांगा है। इस नए सिस्टम से पहले मेडिकल सर्विसेस कॉपोर्रेशन दवाओं की गुणवत्ता की जांच के लिए सूबे के बाहर भेजता है। इससे स्वास्थ्य विभाग को हर साल औसतन 40 लाख का खर्च आता है।

रायपुर के खाद्य एवं औषधि प्रसाधन विभाग की प्रयोगशाला में सभी तरह की दवाओं की गुणवत्ता की जांच की सुविधा उपलब्ध है। पिछले दिनों एक अखबार द्वारा इसको लेकर खुलासा करने के बाद ये फैसला लिया गया है कि जब सुविधाएं प्रदेश में है तो बाहर क्यों जांच कराई जाए।

वहीं अफसरों की माने तो उन्हें इस बारे में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं हैं। जिस वजह से दवाओं की टेस्टिंग दूसरे राज्यों की लेबारेटरी में करवाई जा रही है। अगर आदेश मिलते है तो उनका पालन किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में इस फैसले के लागू होते ही एक ओर स्वास्थ्य विभाग के पैसों की बचत होगी और दवाओं की जांच फ्री होगी। वहीं दूसरी ओर दवाओं की गुणवत्ता की रिपोर्ट भी जल्दी मिल जाएगी क्योंकि जांच प्रदेश में ही होगी।