मुरादाबाद। बिना लाइसेंस के दवा दुकान चलाने के आरोपी कैमिस्ट को कोर्ट ने चार साल सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। लोगों में लाइसेंस होने का भ्रम फैलाने और बिना बिल की दवाओं की बिक्री करने पर भी सजा दी गई है। शासन के निर्देश पर औषधि निरीक्षकों की टीम ने 2012 में छापामारी कर कार्रवाई की थी।
गौरतलब है कि शासन के आदेश पर 14 सितंबर को अमरोहा जिले में संभल-हसनपुर रोड पर गांव देहपा में एफआर मेडिकल स्टोर पर छापामारी की थी। छापामारी में मुरादाबाद, रामपुर, संभल और अमरोहा के ड्रग इंस्पेक्टर पुलिस बल के साथ शामिल थे। जांच में सामने आया कि गांव फत्तेपुर थाना सैदनगली निवासी फारुख (हाल निवासी देहपा गांव जिला संभल) बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर चला रहा था। दुकान में मौजूद दवाओं के बिल भी वह प्रस्तुत नहीं कर सका। बोर्ड पर मेडिकल स्टोर लिखकर वह जनता को धोखा दे रहा था। इस मामले में रिपोर्ट थाना नखासा पर दर्ज कराई गई थी। विशेष न्यायाधीश औषधि एवं प्रसाधन सामग्री के न्यायालय (सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुरादाबाद) ने बोर्ड पर मेडिकल स्टोर लिखकर धोखाधड़ी करने के मामले में तीन साल के सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। बिना बिल के दवाओं की बिक्री पर एक साल के कारावास और बिना लाइसेंस के स्टोर चलाकर लोगों की जान जोखिम में डालने के मामले में चार साल के सश्रम कारावास और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सभी सजा साथ-साथ चलेंगी। ऐसे में फारुख को चार साल के सश्रम कारावास और एक लाख 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा भुगतनी होगी।