पटना। औषधि विभाग की टीम ने जीएम रोड मेन मार्केट में संचालित विंध्यवासिनी दवा दुकान में रेड की। इस दौरान 4 दवाओं के नकली होने के संदेह में सैंपल लिए गए। टीन ने दुकान संचालक को 36 तरह की दवाओं के बिल नहीं होने पर फटकार भी लगाई। साथ ही इन दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है। इनकी कीमत करीब दो लाख रुपये बताई गई है। अचानक हुई इस छापेमारी से आसपास के दवा दुकानदारों में हडक़ंप मच गया। कई दवा दुकानों के शटर बंद हो गये। औषधि विभाग के अधिकारियों ने करीब तीन घंटे तक दवा दुकान के अंदर छापेमारी की।
ड्रग इंस्पेक्टर राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि जब्त किए गए सैंपल को लेबोरेटरी भेजा जाएगा। अगर जांच के बाद नकली पाया गया तो औषधि एक्ट के अनुसार संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि विंध्यवासिनी दवा दुकान से कई छोटे जिलों में दवाओं की सप्लाई होती थी। वहीं, छापेमारी के दौरान 36 तरह की दवाओं के खरीद-बिक्री के बिल दुकानदार के पास नहीं थे। टैक्स चोरी व नकली दवा होने के अनुमान के आधार पर उन सभी दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इनमें सबसे अधिक एंटीबायोटिक दवाएं शामिल हैं। इनकी कीमत दो लाख रुपये से अधिक है।