बंगलूरू। दवा निर्माता कंपनियों का निरीक्षण करने के दौरान दवाओं की खराब गुणवत्ता पाई गई। करीब 400 इकाइयों में से ऐसी 36 फीसदी यूनिट को बंद करवा दिया गया है। यह जानकारी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने दी।

घटिया कफ सिरप से जुड़ी मौतों का मामला

दवा नियामक के अनुसार देशभर में बीते एक साल के भीतर दवा बनाने वाली 400 इकाइयों का निरीक्षण किया गया। उनमें से 36 फीसदी से अधिक को बंद करने का आदेश दिया गया। बताया गया है कि भारत में बने घटिया कफ सिरप के कारण कई देशों में हुई मौतों के मामले सामने आने पर इन दवा यूनिटों की जांच की गई।

सीडीएससीओ प्रमुख राजीव रघुवंशी ने कहा कि भारत को बड़े पैमाने पर दवा उत्पादन के कारण विश्व की फार्मेसी माना जाता है। गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में बच्चों की मौतों के लिए भारत में बनी खांसी की दवाइयों को जिम्मेदार पाया गया। इसके चलते कंपनियों के निरीक्षण की कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के बाद 36 प्रतिशत से अधिक दवा उत्पादन इकाइयों को बंद करना पड़ा।

गैर-अनुपालन को लेकर समस्याएं

राजीव रघुवंशी ने कहा कि भारतीय फार्मा उद्योग में गैर-अनुपालन को लेकर कई समस्याएं हैं। इनके कारण ही दवा गुणवत्ता संबंधी शिकायतें सामने आती हैं। हालांकि उन्होंने बातचीत के दौरान किसी दवा कंपनी का नाम नहीं लिया।