भोपाल। दवा निर्माता कंपनियों के लिए जरूरी खबर है। दवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉरपोरेशन ने नई व्यवस्था शुरू की है। नई व्यवस्था के तहत अगर किसी फार्मा के एक साल में तीन बैच अमानक मिले तो उस कंपनी को राज्य में हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। वहीं, देश के किसी भी राज्य में कोई दवा कंपनी दवा सप्लाई के लिए प्रतिबंधित होती है तो प्रदेश में उस कंपनी से दवाएं नहीं खरीदी जाएंगी। कॉरपोरेशन अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंधित दवा कंपनी की जानकारी सभी राज्यों के साथ केंद्र सरकार से भी साझा की जाती है। इसी तरह अन्य राज्य भी यह जानकारी एक-दूसरे से साझा करते हैं। लिहाजा, दूसरे राज्य भी एक जगह प्रतिबंधित हुई कंपनी से दवाएं नहीं खरीद रहे हैं। साल में एक या दो बार बैच के अमानक मिलने पर उस उत्पाद की सप्लाई के लिए कंपनी को दो साल के लिए अयोग्य करार दिया जाता है। मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉरपोरेशन के एमडी डॉ. विजय कुमार ने बताया कि साल में एक ही कंपनी की तीन दवाएं अमानक मिलती हैं तो उस कंपनी को हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। वह कंपनी दूसरे राज्यों में भी दवा सप्लाई नहीं कर सकेगी।