फफाला दवा बाजार समेत अलीगढ़ में 250 से अधिक थोक कारोबारी हैं। एक अनुमान के मुताबिक फफाला बाजार में ही रोजाना 30 लाख रुपये का दवा कारोबार होता है। करीब पांच लाख रुपये की थोक में दवा शहर के अन्य हिस्सों से उठ जाती है। पिछले साल अप्रैल व मई की बात करें तो करीब 21 करोड़ रुपये की दवा बिकी, लेकिन लॉकडाउन में दवा कारोबार अप्रैल में चार करोड़ व मई में करीब तीन करोड़ रुपये तक सिमट गया है। अप्रैल-मई में उल्टी, दस्त, डायरिया, खांसी, जुकाम, बुखार समेत अन्य संक्रामक बीमारियां शुरू हो जाती हैं। इससे सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीज बढ़ जाते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि इस बार लोग बीमार तो हुए मगर झोलाछापों से इलाज करा लिया। अस्पतालों में मरीज न पहुंचने से दवा बिक्री घट गई। अभी भी बिक्री में सुधार होता नहीं दिख रहा, क्योंकि तमाम डॉक्टरों ने ओपीडी व इमरजेंसी शुरू नहीं की है। केमिस्टों के अनुसार ओपीडी व ऑपरेशन बंद होने के कारण एंटी बायोटिक दवाओं की बिक्री आधी से भी कम रह गई है। अस्थमा, ब्लड प्रेशर, शुगर, चर्म रोग, थायराइड की दवाएं ही बिक रही हैं।
एक तरफ जहां दवा की बिक्री घटी है, वहीं कुछ चिकित्सकों का मानना है कि लॉकडाउन की वजह से घरों में रहने व बाहरी खानपान न होने से सेहत में सुधार हुआ है। माहेश्वरी हेल्थ केयर सेंटर के संचालक डॉ. राहुल माहेश्वरी का कहना है कि जंक फूड, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक व अन्य बाहरी वस्तुएं से बचे रहने के कारण सर्दी, खांसी, बुखार, पेट के संक्रमण समेत कई दूसरी बीमारियों का प्रकोप थमा है। कोरोना काल में कई दवा विक्रेताओं ने सर्जिकल सामान की बिक्री शुरू कर दी है। इसमें मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्स, हैंडवॉश, पीपीई किट सबसे ज्यादा बेची जा रही है। इससे कुल कारोबार में 10 फीसद की वृद्धि आंकी जा रही है।
लॉकडाउन में थोक ही नहीं, फुटकर दुकानों की बिक्री पर भी असर पड़ा है। इससे केमिस्टों को दवाएं एक्सपायर होने की ङ्क्षचता भी सताने लगी। यदि लॉकडाउन जारी रहा तो केमिस्टों को बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा। क्योंकि, इस समय कंपनियां भी एक्सपायर हुई दवाएं वापस लेने से पीछे हट रही हैं। हॉट स्पॉट एरिया के दुकानदारों को फफाला में दुकान खोलने की अनुमति नहीं है। अन्य दुकानदारों के लिए भी फुटकर विक्रेताओं को होम डिलीवरी के जरिये दवा पहुंचाने के निर्देश प्रशासन ने दिए हैं। इससे भी दवा बिक्री पर असर पड़ रहा है। जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह टिल्लू का कहना है कि डॉक्टर ओपीडी कर नहीं रहे। ऑपरेशन बंद हैं। रोजाना 35 लाख से ज्यादा का थोक दवा कारोबार 10 लाख से कम रह गया है। होम डिलीवरी के जरिये दवा आपूॢत के नियम से भी बिक्री पर असर पड़ रहा है। लॉकडाउन हटते ही धीरे धीरे सामान्य हो जाएगा।