आगरा। ड्रग विभाग ने फव्वारा चौक स्थित दो थोक दवा विक्रेताओं के यहां छापामारी की। यहां नौ तरह की दवाओं के बिल नहीं मिले। इसके अलावा एक्सपायर्ड दवाओं के लिए अलग रैक नहीं बनी थी। दोनों स्टोरों से दो-दो दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। वहीं, आरोपी दवा विक्रेताओं को नोटिस देकर बिल जमा करने को कहा है। ड्रग इंस्पेक्टर जुनाब अली ने बताया कि थोक दवाओं के यहां छापा मारकर जांच की है। जिन दवाओं के बिल नहीं मिले, उनको तीन दिन की मोहलत दी है। एक्सपायर्ड दवाओं को नियमानुसार अलग रखा जाना चाहिए, लेकिन यह सामान्य दवाओं के साथ ही रखी हुई थी। बिल प्रस्तुत न करने पर लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश की जाएगी। टीम में फिरोजाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी रहे।
टीम गोगिया मार्केट स्थित एके इंटरप्राइजेज पर पहुंची तो यहां मालिक कपिल खत्री मिले। दवाओं के क्रय-विक्रय के बिल खंगाले तो इनके पास चार तरह की दवाओं का कोई हिसाब-किताब नहीं मिला। प्रतिष्ठान पर लाइसेंस की फोटोकॉपी चस्पा नहीं थी। एक्सपायर्ड दवाएं अलग नहीं रखी हुई थी। यहां से दो तरह की टैबलेट के नमूने लिए। इसके बाद, गोगिया मार्केट स्थित माधव ड्रग हाउस में टीम ने जांच की तो यहां भी हाल मिला। लाइसेंस नोटिस बोर्ड पर चस्पा नहीं था। एक्सपायर्ड दवाएं, सामान्य दवाओं के साथ ही रखी मिली। बिल रजिस्टर जांचें तो इनमें पांच तरह की दवाओं के क्रय-विक्रय का हिसाब नहीं मिला। टीम ने यहां से भी दो तरह की दवाओं के सैंपल लेकर जांच को भेजे हैं। जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों ने कार्रवाई का विरोध करते हुए ड्रग विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष आशू शर्मा का कहना है कि विभाग नशीली और नकली दवाओं का कारोबार करने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रहा, सामान्य विक्रेताओं को परेशान किया जा रहा है।