लखनऊ। फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) की टीम ने नशीली दवाओं के खिलाफ अभियान चलाते हुए अमीनाबाद की मेडिसिन मार्केट में 10 लाख की नारकोटिक्स (नशीली) दवाएं सीज की है। बताया गया है कि ये दवाएं लखनऊ से पूर्वांचल के कई जिलों में सप्लाई की जा रही थी। दुकानदारों के पास इनकी खरीद और बिक्री के कागज भी नहीं मिले, जिस पर इन्हें सीज किया गया है। ये छापामारी अमीनाबाद मार्केट की सात होल सेल मेडिकल स्टोर्स में जैसवाल इंटरप्राइजेज, पापुलर ड्रग, राज फार्मा, एडवांस ड्रग, चंद्रा फार्मा, सेट फार्म फार्मास्युटिकल्स और स्मिथ फार्मा पर की गई। इस दौरान दवाओं के 12 सैंपल कलेक्ट किए गए। लखनऊ मंडल के असिस्टेंट कमिश्नर पीके मोदी ने बताया कि ये दवाएं नारकोटिक्स की हैं और इनका प्रयोग नशे के रूप में किया जाता है। छापे में लखनऊ सहित चार अन्य जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर शामिल रहे. इनमें लखनऊ के ड्रग इंस्पेक्टर रमा शंकर, माधुरी सिंह, उन्नाव के ड्रग इंस्पेक्टर अजय संतोषी, रायबरेली के ड्रग इंस्पेक्टर दीपक शर्मा, सीतापुर के नवीन कुमार और खीरी के सुनील रावत शामिल रहे।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले कैसरबाग के नाथ फार्मा में नशीली दवाएं बेचने की जानकारी मिलने पर ड्रग इंस्पेक्टर रमा शंकर और माधुरी सिंह ने जांच की थी। इसमें काफी मात्रा में दवाएं नशीली दवाएं पकड़ी गई थी। ये दवाएं एमआरपी से भी कई गुना अधिक दरों पर बेची जा रही थी। छापे के दौरान कई ग्राहक बिना पर्चे के दवा लेने पहुंच गए थे। इसके बाद काफी मात्रा में दवाएं सीज की गई थी। इसकी रिपोर्ट एफएसडीए को भेजी गई, जिसके बाद एफएसडीए ने प्रदेश भर में अभियान चलाकर जांच करने के आदेश दिए थे। इसके तहत ही राजधानी में इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई की गई।