अंबाला। वैसे तो कोई भी दवा खरीदने से पहले डॉक्टर की सलाह और उनका निर्देश होना जरूरी होता है, लेकिन आम लोगों की सहूलियत के लिए सरकार इस नियम में बदलाव करने जा रही है। इसके बाद आप 16 तरह की दवाओं को बिना डॉक्टर की पर्ची के भी खरीद सकेंगे।
स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय ने 16 ऐसी दवाओं की लिस्ट अधिसूचित की है, जो डॉक्टर की पर्ची के बगैर (ओवर द काउंटर यानी ओटीसी) ही केमिस्ट बेच सकेंगे। ड्राफ्ट रूल की अधिसूचना जारी कर 30 दिन के भीतर सुझाव व आपत्तियां मांगी गई हैं। उसके बाद औषधि नियम, 1945 में संशोधन माना होगा और अंतिम प्रकाशन के बाद नए नियम लागू होंगे। केंद्र सरकार ने इस संबंध में रिपोर्ट देने के लिए ओटीसी समिति बनाई थी। समिति में रहे हरियाणा के पूर्व राज्य औषधि नियंत्रक नरेंद्र आहूजा ने कहा कि अधिसूचना के अंतिम प्रकाशन के बाद इन दवाइयों को फार्मासिस्ट बिना पंजीकृत चिकित्सक की पर्ची के मरीजों को अपने विवेक से देने में सक्षम होंगे। ओटीसी प्रोडक्ट्स एवं फार्मासिस्ट को अधिक शक्ति देने की मांग एक लंबे समय से चल रही थी।
सरकार ने ओवर दा काउंटर कैटगरी शुरू करने का प्रस्ताव दिया है, जिसके बाद ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक रूल में बदलाव करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बारे में एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन भी जारी किया है, जिसमें 16 तरह की दवाओं को शामिल करने का प्रस्ताव है। इस पर मुहर लगने और नियमों में बदलाव के बाद इन दवाओं को बिना डॉक्टरी सलाह के भी खरीदा जा सकेगा। मंत्रायल के अधिकारियों ने बताया कि जिन 16 दवाओं के लिए प्रस्ताव बनाया गया है उनमें पैरासिटामॉल 500, कुछ लेग्जेटिव्स और फंगल क्रीम शामिल हैं। मंत्रालय ने अपने प्रस्ताव पर लोगों से सलाह मांगी है, जो एक महीने के भीतर दी जा सकती है। वर्तमान में भी कई दवाएं मेडिकल स्टोर पर बिना डॉक्टर की पर्ची के भी मिल जाती हैं, लेकिन इसके लिए अभी कोई प्रॉपर कानून या नियम नहीं है।
इस साल की शुरुआत में ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने ओटीसी दवाओं को लेकर सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। यह संस्था दवाओं के मामले में सरकार को सलाह देती है। इस मंजूरी के बाद ओटीसी कैटेगरी को लेकर काफी चर्चा हुई जिसके बाद 16 दवाओं को मंजूरी दी गई। चर्चा में कहा गया कि बाद में इसमें और दवाओं को भी शामिल किया जाएगा।
लेकिन ओटीसी कैटेगरी को लागू करने के लिए सरकार ने कुछ शर्त भी रखी है। इसके तहत दवा की दुकानों पर ओटीसी कैटेगरी की दवाएं तभी बेची जा सकेंगी जब इसकी अवधि 5 दिन से ज्यादा नहीं होगी। साथ ही अगर पांच दिन की दवा खाने के बाद भी आराम नहीं मिलता तो मरीज को डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होगा। हर पैक पर मरीज के लिए जरूरी सूचना लिखी होनी चाहिए और पैक का साइज 5 दिन की खुराक से ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए। इन तैयारियों के बीच भी अभी तक ओटीसी दवाओं की परिभाषा तय नहीं की गई है। इसके अलावा इसकी शुरुआती लिस्ट में ओरल डिहाइड्रेशन जैसी दवाओं को शामिल नहीं किया गया है।
दवा का नाम किस बीमारी में काम
– पोवीडोन आयोडीन सॉल्यूशन : जख्म सुखाने में
– क्लोरोहेक्सिडीन माउथ वॉश: मसूड़े की सूजन में
– क्लोट्रिमेजोल क्रीम: फंगल इन्फेक्शन
– क्लोट्रिमेज़ोल डस्टिंग पावडर: फंगल इन्फेक्शन
– डेक्सट्रोमेथोर्फन हाइड्रो ब्रोमाइड लॉन्जेस: खांसी (इसे सेवन के बाद ड्राइविंग करना उचित नहीं)
– डाइक्लोफिनेक ऑइंटमेंट/क्रीम/जैल : दर्द निवारक
– डाइफेनहाइड्रामाइन कैप्सूल: खांसी-बलगम में
– पेरासिटामोल टेबलेट 500एमजी : हल्के बुखार में
– सोडियम क्लोराइड नेजल स्प्रे: बन्द नाक खोलने
– ओक्सिमेटाज़ोलिन नेजल सालूशन : नेजल स्प्रे
– कीटोकोनाज़ोल शैंपू : सीकरी/फंगल इन्फेक्शन
– लैक्टुलोज सालूशन : कब्ज निवारक
– बेंजॉइल पेरोक्साइड : मुहासों व बदन में खारिश
– कैलामाइन लोशन: एंटी सेप्टिक
– जाइलोमेटाजोलीन हाइड्रो क्लोराइड नेजल डीकंजेशटेन्ट: गले/नाक की खराश निवारक
– बिसाकोडील टेबलेट : कब्ज