रायपुर (छ.ग.)। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दवा विक्रेताओं को लाइसेंस नवीनीकरण में राहत प्रदान की है। इसके तहत औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम-1940 में संशोधन करते हुए दवा विक्रेताओं के लाइसेंस नवीनीकरण की बाध्यता को खत्म कर, लाइसेंस की अवधि खत्म होने पर केवल शुल्क राशि जमा कर लाइसेंस की वैधता को बरकरार रखने का प्रारूप प्रकाशित कर दिया है। लाइसेंस अधिनियम में संशोधन के पूर्व सुझाव व आपत्तियां मांगी गयी थी।
पूर्व में लाइसेंस की वैधता अवधि खत्म होने से पहले नवीनीकरण करवाना होता था, जिसकी प्रक्रिया नया लाइसेंस जारी करवाने के समान होती थी। संशोधन के बाद लाइसेंस धारक को प्रत्येक पांच वर्ष की अवधि के बाद लाइसेंस की वैधता को जारी रखने के लिए केवल शुल्क राशि जमा करनी होगी। लेकिन लाइसेंस की वैधता समाप्त होने से पहले शुल्क राशि जमा नहीं किया जाता है तो शुुल्क राशि का 2 प्रतिशत की दर से विलंब शुल्क जमा करवाना होगा। इसकी समयावधि लाइसेंस की वैधता खत्म होने से छह माह बाद तक होगी। इसके बाद भी यदि शुुल्क राशि जमा नहीं की जाती है तो लाइसेेंस स्वत: निरस्त हो जाएगा।