मुंबई: दवाओं विके्रताओं की मनमानी रोकने के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को पत्र लिखकर जरूरी सख्त दिशा-निर्देश तैयार करने की मांगी की है। एफडीए अधिकारी की मानें तो लोगों की अक्सर शिकायत आती है कि दवा विके्रता जरूरत के मुताबिक एक-दो गोलियों के बजाए पूरी स्ट्रिप लेने के लिए बाध्य करते हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए डीसीजीआई को पत्र लिखा गया है।

एफडीए ड्रग विभाग के संयुक्त निदेशक अर्जुन खडतरे के मुताबिक, दवा विक्रेता मरीज या उसके सहायकों को उनकी जरूरत के हिसाब से दवा दे सकते हैं। कम-ज्यादा के लिए बाध्य नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि कई बार शिकायत मिली है कि विके्रता दवा की एक-दो गोलियां देने के बजाय पूरी स्ट्रिप खरीदने की बात पर अड जाते हैं। जिस कारण मरीज पर आर्थिक बोझ बढ़ता है और दवाओं की बेकद्री होती है। एफडीए ने डीसीजीआई को पत्र लिखकर दवा की स्ट्रिप छोटी करने की मांग की है। गौरतलब है कि कई दवाओं की स्ट्रिप 10 या 15 गोलियों की होती है। चाहे एक गोली हो या पांच, दवा मरीज की जरूरत के हिसाब से ही बेची जानी चाहिए। नियमानुसार कोई भी दवा विके्रता मरीज को 1-2 गोली की जगह पूरी स्ट्रिप लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। अगर कोई ऐसा करता है तो इसकी शिकायत 022-26592363/65 या 022-26591959 पर की जा सकती है।