कुल्लू। युवाओं को नशे की दलदल से बाहर निकालने के अभियान में जिला दवा विक्रेता संघ भी शामिल हो गया है। दवा विक्रेता अब अपने स्टोर पर आने वाले युवाओं को सिरिंज बेचने से पहले उसके अभिभावकों से फोन पर संपर्क करेंगे और संतुष्ट होने पर ही सिरिंज देंगे। नशे में इस्तेमाल होने वाले जानलेवा जहर, हेरोइन और अन्य मादक पदार्थों को युवाओं से दूर रखने के लिए पुलिस प्रशासन व जिला दवा विक्रेता संघ सयुंक्त रूप से कार्य करेंगे।
जिला दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष ऋषभ कालिया ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के प्रावधान के तहत कोई भी दवा विक्रेता सिरिंज जैसी आवश्यक चीज को देने से मना नहीं कर सकता है, परन्तु सामाजिक दायित्व को मद्देनजर रखते हुए व बच्चों को नशे के मकडज़ाल से बचाने के लिए दवा विक्रेता अपने विवेक से काम लेंगे। उन्होंने कहा कि जिले के सभी दवा व्यापारी वैध रूप से ड्रग्स लाइसेंस लेकर कार्य कर रहे हैं।
औषधि नियंत्रण प्रशासन समय-समय पर दवा दुकानों का निरीक्षण भी करता है। दवा विक्रेता भी प्रत्येक दवा का रिकॉर्ड दुरुस्त रखते हैं। अभी तक निरीक्षण के दौरान कोई भी दवा विक्रेता नियमों को अवहेलना करते नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य युवा है और किसी भी राष्ट्र के लिए नशे की बुराइयों से लडऩा चिंता का बिषय बना हुआ है, इसलिए अब दवा विक्रेता संघ ने निर्णय लिया है कि संदिग्ध युवाओं को सिरिंज की ब्रिकी नहीं की जाएगी।