बठिंडा। राज्य संगठन पीसीआई के पदाधिकारी कितना भी स्थानीय व राज्य स्तरीय बैठकों में चिल्लाते रहें कि नशा व्यापार मत करो, इससे कई घरों के चिराग बुझ जाते हैं। पकड़े जाने पर संगठन की किरकिरी होती है वो अलग। सही काम करने वाले दवा व्यापारी भी बदनाम होते हैं। पीसीए ने बार-बार औषधि प्रशासन को भी कहा कि यदि कोई दवा व्यापारी नशे के कारोबार ने संलिप्त पाया जाता है तो संगठन उस सदस्य के साथ नहीं बल्कि प्रशासन के साथ खड़ा है। ऐसे में दवा व्यवसाई फिर भी गलत प्रकार से दवा व्यापार करता है तो संगठन अपने स्टैंड पर अडिग है। सीआईए-1 को जानकारी मिली कि लक्ष्मण सिंह जो नरेश मेडिकल हॉल के नाम से दवा व्यापार करता है, वह नशा कारोबार भी बड़े पैमाने पर करता है। सूचना मिलते ही जांच का जाल बिछाया और लक्ष्मण सिंह उर्फ डॉक्टर को बाइक पर आते देख उसके वाहन की चेकिंग के लिए रोका। उसके पास से 5700 गोली नशे में प्रयोग होने वाली मिली। प्रथम दृष्टया जांच पर पाया कि इन दवाइयों का बिल उसके पास नहीं है। उसके घर से भी 37500 गोलियों को बरामद किया। कुल बरामद 43,200 गोलियों की बाजार कीमत करीब 1 लाख से ऊपर बताई जा रही है। लक्ष्मण ने बताया कि दुकान का असली मालिक तरसेम सिंह है। इस पर पुलिस ने नरेश को गिरफ्तार कर लिया तथा तरसेम की गिरफ्तारी के लिए रणनीति बनाई जा रही है।