नई दिल्ली। दांत नहीं होने से काफी लोगों खासकर बुजुर्गों को खाने-पीने में भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए वर्तमान समय में आर्टिफिशियल दांत एक उपाय है।
अब आधुनिक चिकित्सा जल्द ही खोए हुए दांतों की समस्या का और बेहतर समाधान करने में जुटी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जापान के शोधकर्ताओं की टीम ने ऐसी दवा विकसित की है जो दांतों को फिर से उगाती है।
कैसे काम करती है यह दवा
यह दवा गर्भाशय संवेदीकरण-संबंधित जीन-1 प्रोटीन को निष्क्रिय कर देती है। बता दें कि यह प्रोटीन दांतों के विकास को रोकता है। जीन-1 को अन्य प्रोटीनों के साथ बातचीत करने से रोकना हड्डियों के विकास को गति प्रदान करता है, जिससे दांत दोबारा से बढ़ सकते हैं।
किटानो अस्पताल में इस शोध का नेतृत्व दंत चिकित्सा और मौखिक सर्जरी के प्रमुख कात्सु ताकाहाशी ने किया है। जापान के चिकित्सा विभाग से इसके मानव परीक्षण की अनुमति मिल गई है।
सितंबर में शुरू होगा परीक्षण
इस दवा का परीक्षण मनुष्यों पर इसी साल सितंबर महीने से शुरू हो सकता है। परीक्षण में ऐसे वयस्क शामिल किए जाएंगे, जिनके कम से कम एक दांत गायब हो। आगे दो से 7 साल के बच्चों पर भी इसका परीक्षण किया जाएगा।
गौरतलब है कि यह दवा चूहों के इलाज में काफी सफल रही है और बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के अपना काम किया है। शोधकर्ताओं के अनुसार दांत उगाने वाली यह दवा बाजार में 2030 तक उपलब्ध हो सकेगी।