Faridabad: हरियाणा के फरीदाबाद (Faridabad) में दो मशहूर अस्पतालों में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण गर्भवती महिला की मौत का मामला सामने आया है। पीड़ित परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज की है लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

जानते हैं क्या है पूरा मामला 

पलवल जिले के होडल शहर के रहने वाले महेंद्र कुमार ने इस बारे में पुलिस से शिकायत की है। उनके भाई राजेंद्र सिंह की पत्नी रीना 9 माह की गर्भवती थी उसकी डिलीवरी होने वाली थी। ससुराल पक्ष के लोग रीना को लेकर नंगला जोगियान के मुकुल चैरिटेबल अस्पताल में लेकर गए थे। अस्पताल में उसका चेकअप किए बगैर ही डिलीवरी के वक्त होने वाले दर्द का इंजेक्शन ला दिया।  जिससे डिलीवरी दर्द शुरु हो जाये। इंजेक्शन लगाने के बाद उसे घर वापस भेज दिया गया। स्वास्थ्य खराब होने पर रीना को डिलीवरी के लिए मुकुल चैरिटेबल अस्पताल ले गए, जहां पर रीना की ब्लीडिंग नहीं रूकी।

अस्पताल ने मृत घोषित किया 

ब्लीडिंग होने के कारण रीना की हालत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने रीना को पीड़ित परिजनों से अन्य अस्पताल में इलाज कराने को कहा। इसके चलते परिजनों ने जीवन नगर के लोट्स अस्पताल में रीना को भर्ती करा दिया। जहां डॉक्टरों ने उसमें खून की कमी बताई। खून की कमी होने के कारण उसकी तबीयत अधिक बिगड़ी हुई थी। ससुराल के लोग रीना को मेट्रो अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।  परिजनों का आरोप है कि मुकुल और लोट्स अस्पताल के मालिक और डॉक्टर की वजह से रीना की मौत हुई है और परिजनों ने दोनों अस्पताल के मालिक और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई, जिसके चलते पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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