पाथाखेड़ा। शोभापुर कॉलोनी में शिकायत मिलने पर फर्जी डॉ. एस. विश्वास के क्लीनिक पर छापामारी की। क्लीनिक से प्रतिबंधित दवाओं के अलावा वे उपकरण भी मिले जो ऑपरेशन थिएटर में उपयोग किए जाते हैं। सामान्य तौर पर खुले क्लीनिक में इनका उपयोग भी प्रतिबंधित होता है। मगर यहां धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा था। गौरतलब है कि सारनी, पाथाखेड़ा, शोभापुर कॉलोनी और बगडोना में अधिकतर निजी क्लीनिक संचालक डॉक्टर्स या तो आयुर्वेदिक हैं या होम्योपैथी का रजिस्ट्रेशन लेकर बैठे हैं। ये प्रैक्टिस के समय मरीजों को ऐलोपैथिक दवाएं देते हैं। दवा कंपनियों के एमआर की सांठ-गांठ और कैमिस्टों की मिलीभगत से इन डॉक्टरों का यह अवैध धंधा जोरों पर चल रहा है। बता दें कि शोभापुर कॉलोनी में डॉ. विश्वास द्वारा मोनोसेफ इंजेक्शन लगाने से एक मरीज की जान भी जा चुकी है। हाल ही में पाथाखेड़ा निवासी मानक बारंगे के एक पैर में अजीब तरह का दाग हो गया था। इसे दिखाने के लिए वे डॉ. स्वपन मलिक के सुभाष नगर स्थित क्लीनिक पर पहुंचे। यहां डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन लगाया तो अगले ही दिन कमर के नीचे के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। उन्हें डब्ल्यूसीएल के एरिया अस्पताल में भर्ती कराया। यहां ब्लड पॉइजनिंग (खून में इन्फेक्शन) होना बताया। उन्हें नागपुर ले जाने पर तीन दिन वेंटीलेटर पर रखा गया। उपचार में 12 से 13 लाख का खर्च आया। इसकी शिकायत पाथाखेड़ा चौकी में की थी। यहां से जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा था। इस बीच मानक ने इसकी शिकायत कलेक्टर बैतूल, जनसुनवाई और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से की थी। इसके बाद कार्रवाई हुई।