बांदा (उप्र)। औषधि एवं खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने जिले में अवैध रूप से चल रहे मेडिकल स्टोरों के खिलाफ अभियान चलाते हुए दो दुकानों के लाइसेंस निरस्त किए हैं। वहीं, दो दुकानों पर दवा बेचने के नियमों की अनदेखी पाए जाने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
सहायक आयुक्त औषधि प्रशासन अतुल उपाध्याय व ड्रग इंस्पेक्टर श्रीकांत गुप्ता ने शहरभर में मेडिकल स्टोरों की जांच की। सिंहपुर कस्बे में संचालित सत्यदेव मेडिकल स्टोर पर बिना फार्मासिस्ट दवा बेचने का मामला सामने आया। जांच के बाद मेडिकल स्टोर को सील कर दिया था। संचालक को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। उधर, शहर में शुकुल कुआं स्थित अनमोल मेडिकल स्टोर को दो साल पहले फार्मासिस्ट न होने पर लाइसेंस निलंबित किया गया था। लेकिन यहां निलंबन के बाद भी अवैध ढंग से बिक्री करते पाया गया। बिना कैशमेमो के दवा बेची जा रही थी। दुकान का लाइसेंस तत्काल निरस्त कर दिया गया। वहीं, अतर्रा कस्बे में एक निजी अस्पताल में संचालित बालाजी मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट न होने के कारण पिछले वर्ष अक्टूबर में लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था। मालिक सुधा गुप्ता को नोटिस दिया गया था। लेकिन उन्होंने आज तक फार्मासिस्ट तैनात करने का कोई दस्तावेज नहीं दिया और न ही दवा बिक्री बंद की। इस पर दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। टीम ने मर्दननाका स्थित श्रीराम दवा एजेंसी का औचक निरीक्षण किया। यहां से बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं बरामद हुईं। कैश मेमो भी नहीं मिला। संचालक मूल लाइसेंस भी नहीं दिखा सका। संचालक को कारण बताओ नोटिस देते हुए सप्ताहभर में स्पष्टीकरण देने को कहा है। संतोषजनक जवाब न देने पर औषधि अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।