इंदौर। आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (इओडब्ल्यू) ने एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ. वीएस पाल व मेडिकल ऑफिसर व क्रय प्रभारी डॉ. सुनील नारंंग के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। एमवाय अस्पताल के कायाकल्प अभियान के दौरान नियम विरुद्ध जाकर लाखों की खरीदी करने के साथ ही 60 लाख के फर्जी भुगतान का भी आरोप है। डॉ. पाल के खिलाफ एक शिकायत अलग से भी दर्ज हुई है। इओडब्ल्यू के एसपी स्वयसांची सराफ के मुताबिक, दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज हुई है। एक मामले में डॉ. वीएस पाल व डॉ. सुनील नारंग का नाम है तो दूसरे मामले में डॉ. पाल का। डीएसपी आनंद यादव को शिकायत दर्ज (प्राथमिक जांच) होने के बाद जांंच सौंपी है।

एक एडवोकेट की शिकायत के आधार पर यह जांच शुरू हुई है। पहला मामला एमवाय अस्पताल के कायाकल्प को लेकर है। स्टेशनरी विभाग में सामग्री खरीदी में अनियमितता का आरोप है। साथ ही बिना निविदा बुलाए करीब 19 लाख के ओटी उपकरण खरीदने का भी आरोप है। नियमानुसार मप्र भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के परिष्ठि बी के अनुसार शासन की एजेंसी हस्तशिल्प विकास निगम, हस्त करघा विकास निगम से खरीदी का प्रावधान है लेकिन एमवाय में निजी एजेंसी से खरीदी कर ली गई। साथ ही स्टेशन विभाग में करीब 60 लाख के फर्जी बिल भुगतान का भी आरोप है।

केंद्र मुद्रणालय से खरीदी होना था लेकिन निजी एजेंसी से करा ली गई। एक मात्र निविदा के आधार पर सर्जिकल स्टेपलर खरीद लिए। लाखों के स्टेपलर कोटेशन पर ही खरीद लिए जबकि टैंडर आमंत्रित करना थे। सीटी एमआरआई की निविदा में निजी कंपनी को लाभ पहुंचाया गया। चूहामार अभियान में नियमों के खिलाफ निजी कंपनी को लाखों का भुगतान किया गया। 7.37 लाख के पलंग खरीदी में भी अनियमितता का आरोप है। शिकायत में बताया गया कि 5 लाख से अधिक की खरीदी के लिए ई टैंडरिंग का प्रवाधान है लेकिन बलसाड़, गुजरात की कंपनी से पहले 60 व फिर 10 और पलंग खरीदकर भुगतान कर दिया। एसपी के मुताबिक, दूसरी शिकायत में डॉ. पाल के खिलाफ दवा, उपकरण खरीदी में नियमों की अनदेखी का आरोप है। डीएसपी आनंद यादव ने मामले में जांच शुरू कर दी है।