Mansukh Mandaviya: केंद्र सरकार दो सरकारी दवा कंपनियों पर बेचने का विचार कर रही है। इस बात की जानकारी खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने दी। इस संबंध में मनसुख मांडिवया ने कहा कि सरकार के पास 1-2 प्लांट हैं। हम उनमें विनिवेश की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। निजी क्षेत्र को उनका संचालन करने देंगे। लेकिन इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया जिसे सरकार विनिवेश करने की तैयारी में है।
स्वास्थ्य मंत्री (Mansukh Mandaviya) ने उद्योग जगत को साथ आने के लिए कहा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि जिस स्तर पर प्रस्ताव वर्तमान में हैं, उस पर कोई अन्य विवरण शेयर नहीं किया है। भारत के लिए सबसे पहले गुणवत्ता सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत से इस पहलू पर चिंताओं का ध्यान रखने के लिए एक स्व-नियामक संगठन बनाने के लिए एक साथ आना जरुरी है।
मीडिया रिपोर्ट और जमीनी हकीकत हमेशा अलग होती है : स्वास्थ्य मंत्री
बीते साल गाम्बिया में भारतीय कफ सिरप से होने वाली मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की कार्रवाही पर सवाल पूछने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट और जमीनी हकीकत हमेशा अलग होती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने इसी मुद्दे पर सबूत मांगा था, लेकिन अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है। स्वास्थ मंत्री ने यह भी बताया कि मरीजों की मौत का कारण डायरिया बताया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्हें कफ सिरप क्यों दिया गया।
भारत सरकार गुणवत्ता को लेकर बहुत गंभीर
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडिवया ने कहा कि भारत सरकार गुणवत्ता को लेकर बहुत गंभीर है और उसने देश भर में 150 संयंत्रों में जोखिम आधारित मूल्यांकन किया है। इनमें से 70 फार्मा कंपनी को कारण बताओ नोटिस और 18 को बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि फार्मा उत्पादों की गुणवत्ता को और मजबूत करने के लिए केंद्र और राज्यों ने नजर रखने के लिए समर्पित दस्ते बनाए हैं।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च आधिकारिक ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि विदेशों में भारत के द्वारा निर्मित दवाइयों पर लगातार सवाल उठने के बाद से DCGI और स्टेट ड्रग रेगुलेटर ने प्रोडक्ट की गुणवत्ता परखने को लेकर निरीक्षण अभियान तेज़ किया है। तीन अलग-अलग चरणों में अब तक 134 दवा कंपनियों का इंस्पेक्शन किया गया है।