आगरा। मुंबई में खून बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाले नकली इंजेक्शन पकड़े गए हैं। इसकी जांच करने मुंबई पुलिस ने आगरा में फव्वारा स्थित गोलू फार्मा पर रेड की। पुलिस टीम ने दवाओं की खरीद-बिक्री के रिकॉर्ड की जांच की है। यहां से दो दवाइयों के सेंपल भी लिए हैं। यह जांच करीब 6 घंटे तक चली। टीम ने रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं।
सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि मुंबई में ओरोफर-एससीएम इंजेक्शन मिले हैं। औषधि विभाग की जांच में ये इंजेक्शन नकली पाए गए। जांच में पता चला कि ये इंजेक्शन दिल्ली की कान्हा फार्मा ने मुंबई में बेचे। मुंबई पुलिस की तीन सदस्यीय टीम और आगरा के औषधि निरीक्षक कपिल शर्मा ने आगरा में फव्वारा स्थित गोलू फार्मा पर जांच की। फार्मा संचालक संजय सिंह ने ओरोफर-एससीएम के दो इंजेक्शन दिल्ली के कान्हा फार्मा को बेचने के बिल दिखाए। टीम ने दवाओं की खरीद-बिक्री का कंप्यूटर में रिकॉर्ड भी जांचा। जांच के लिए रिकॉर्ड जब्त किए हैं। दर्द और एसिडिटी दवा के दो सेंपल भी लिए हैं।
नकली इंजेक्शन की कालाबाजारी
मुंबई पुलिस के अनुसार सालभर पहले 3000 से अधिक इंजेक्शन नकली पकड़े थे। एक इंजेक्शन की कीमत 1800-1900 रुपये है। जांच में ये इंजेक्शन दिल्ली के कान्हा फार्मा ने कालाबाजारी की थी। इसके संचालक पर केस दर्ज किया गया। इसके संचालक ने आगरा में गोलू फार्मा से 3000 इंजेक्शन की खरीद की जानकारी दी। गोलू फार्मा पर जांच में केवल दो इंजेक्शन बिक्री के बिल मिले हैं। दिल्ली की फर्म केवल दो इंजेक्शन नहीं खरीदेगी। ऐसे में कालाबाजारी की आशंका है।
दवा खरीद के बिल मिल, बिक्री के नहीं
सहायक आयुक्त औषधि के अनुसार गोलू फार्मा का लाइसेंस 2021 का है। जांच के दौरान यहां 8 तरह की दवाओं के खरीद के बिल मिले हैं। इनकी बिक्री के बिल नहीं दिखाए गए। ये दवाएं स्टोर में ही भंडारित मिलीं। मामले की जांच की जा रही है।