रुड़की। शिक्षानगरी रुड़की अब नकली दवाओं के उत्पादकों में टॉप करता जा रहा है। ड्रग विभाग की चार साल की कार्रवाई में रुड़की क्षेत्र में ही करीब 25 करोड़ रुपये की नकली दवाओं का धंधा पकड़ा जा चुका है। ये नकली दवाएं खाकर लोग अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद भी क्षेत्र में यह धंधा खूब फल-फूल रहा है। ड्रग विभाग को आशंका है कि नकली दवाई मामले में कई गिरोह सक्रिय हैं। ऐसे में विभाग इन्हें चिह्नित करने का प्रयास कर रहा है।

शिक्षानगरी के नाम से अलग पहचान रखने वाला रुड़की शहर अब धीरे-धीरे नकली दवाओं का हब बनता जा रहा है। यहां कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें बड़ी संख्या में नकली दवाओं का उत्पादन होता पाया गया। रुड़की औद्योगिक क्षेत्र के अलावा भगवानपुर, सलेमपुर, माधोपुर और सालियर आदि जगह भी जहर का यह कारोबार खूब फल-फूल रहा है। कहने के लिए ड्रग विभाग भी समय-समय पर नकली दवाओं की फैक्टरियों पर छापा मारकर आरोपियों को पकड़ता रहता है, लेकिन कुछ समय बाद जेल से छूटकर ये आरोपी फिर अपने धंधे में लीन हो जाते हैं। ड्रग विभाग के एक अनुमान के मुताबिक चार साल में की कार्रवाई में करीब 25 करोड़ रुपये की नकली दवाएं और मशीनें पकड़ी गई हैं। खास बात यह है कि नकली दवा के इस धंधे में पकड़े जाने वाले लोग गिरोह के रूप में काम कर रहे हैं। इनका नेटवर्क यूपी, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में फैला हुआ है। रुड़की और आसपास के क्षेत्र में नकली दवाई बनाने वाले गिरोह से अलग-अलग राज्यों में दवाइयां सप्लाई करवाते हैं। क्षेत्र में फैल रहा नकली दवाई के कारोबार को लेकर ड्रग विभाग अब गिरोह को चिह्नित करने का प्रयास कर रहा है, ताकि भविष्य में नकली दवाई बनाने और सप्लाई करने वालों पर अंकुश लगाया जा सके।
ड्रग विभाग से दो कदम आगे हैं कारोबारी
ड्रग विभाग क्षेत्र में नकली दवाओं की फैक्टरियों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसके बावजूद ये नकली दवाओं के शातिर कारोबारी ड्रग विभाग से दो कदम आगे ही रहते हैं। इसका साफ उदाहरण यह है कि एक साल में विभाग कम से कम दो या तीन बड़ी कार्रवाई करता है। इसके बावजूद अगले ही साल फिर नकली दवाओं की बड़ी खेप पकड़ी जाती है। ड्रग विभाग दवाओं की सप्लाई पकड़ने के लिए ट्रांसपोर्ट पर और निजी व सरकारी बसों पर नजर रखता है, जबकि इन कारोबारियों ने अब कोरियर सेवा को नकली दवा देशभर में सप्लाई करने के लिए विकल्प बना लिया है। एक हफ्ते पहले ही ड्रग विभाग ने एक कोरियर सेंटर से करीब 11 लाख रुपये की नकली दवाएं पकड़ी थीं।