छत्तीसगढ़। नकली दवा पकडऩे के लिए खाद्य और औषधि विभाग ने 19 मेडिकल स्टोर्स पर की छापामारी की है। इस दौरान राज्य के अलग-अलग इलाकों में दुकानों से संदेहास्पद 17 दवाओं और फूड सप्लीमेंट के सैंपल लिए हैं। सैंपल को कालीबाड़ी स्थित राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया है।
यह है मामला
खाद्य और औषधि विभाग ने अभियान चलाकर रायपुर व दुर्ग के चार-चार, बिलासपुर के पांच, सरगुजा और बस्तर के तीन-तीन प्रतिष्ठानों से दवाओं के सैंपल लिए हैं। इससे पहले आठ जून को राज्य के कई जिलों के ड्रग वेयर हॉउस, जिला अस्पताल और विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से आयरन और फोलिक एसिड टेबलेट के सैंपल लिए गए थे।
इन दवा दुकानों का निरीक्षण
विभाग ने रायपुर में लक्ष्मी मेडिकल हॉल न्यू राजेंद नगर, फ्रेंक रास फॉर्मेसी, श्री मेडिकल स्टोर्स टिकरापारा और अरिहंत फॉर्मा, फरिश्ता कांप्लेक्स में दवा दुकानों पर दबिश दी।
इसके अलावा, दुर्ग में जिंदत्त मेडिकल एजेंसीज, टीवीएस फॉर्मास्युटीकल्स एंड मार्केटिंग, शास्त्रीनगर भिलाई, मनोहर मेडिकोज सेक्टर-9 हॉस्पिटल भिलाई व टीसी मेडिकोज में निरीक्षण किया। बिलासपुर में पंजाब मेडिकल स्टोर्स तोरवा, गणपति मेडिकल तोरवा, देवांगन मेडिकल मोपका, सुन ट्रेडर्स तेलीपारा और भूमिका मेडिकल स्टोर्स जूनी लाइन पर जांच की।
इसके साथ ही, सरगुजा क्षेत्र में कश्मीरा मेडिकल एंड जनरल एजेंसी दर्रीपारा अंबिकापुर, नेताजी फॉर्मा अंबिकापुरऔर श्याम मेडिकल स्टोर्स कुंडला सिटी अंबिकापुर में जांच की। बस्तर के दुलहनी मेडिकल एजेंसी जगदलपुर, शक्ति सेल्स जगदलपुर, रायल मेडिकल जगदलपुर पर निरीक्षण किया।
इनके दवाओं के सैंपल लिए
टीम ने जिन दवाओं के सैंपल लिए हैं, उनमें जीआरडी बिक्स प्रोटीन, सिगनुत्रा ग्रोविवा, पीडियाश्योर, प्रोहंस-डी डायबिटीज केयर, ऑस्ट्रो मल्टीविटामिनस सिरप, ए टू जेड मल्टीविटामिन सिरप, जीनोविट मल्टीविटामिन कैप्सूल, स्टेविआ शुगर फ्री औरमीन-जेड के नाम शामिल हैं। मोकटल मल्टीविटामिन मल्टीमिनीराल्स सिरप, बेंफिसियल हेल्थ सल्पीमेंट, प्रोग्रेट प्रोटीन पाउडर के अतिरिक्त एंदुरा मास वेट गेनर, लिक्योरिफिट न्यूट्रास्युटिकल, पैक्ड क्यू-10 सिरप, पैक्ड बेस्ट प्रोटीन सप्लीमेंट प्रोटीपी,पैक्ड मल्टीविटामिन मल्टीमिनीरल्स, जिंसी टोटल हेल्थ के नाम शामिल हैं।
उप नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग बसंत कौशिक ने बताया कि प्रदेशभर में औचक निरीक्षण कर सैंपल लिए जा रहे हैं। दवा दुकानों से सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हंै। रिपोर्ट आने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। संबंधित संस्थानों के लाइसेंस कैंसिल किए जाएंगे।