नकली दवा का कारोबार न केवल जान से खिलवाड़ करने का दुस्साहस है, बल्कि भारत के कानून का भी उल्लंघन है। ताजा घटनाक्रम में यूपी के कानपुर से 3 लोगों पर मुकदमा दर्ज करने का मामला सामने आया है। नकली दवाओं का प्रयोग कर जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले इन लोगों के पास नकली एंटीबायोटिक और पेन किलर बरामद किए गए हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दवा निर्माताओं के खिलाफ कानपुर की मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट कोर्ट में मुकदमा दर्ज हुआ है। एक आरोपी यूपी की राजधानी लखनऊ जबकि दो कानपुर के रहने वाले हैं। इनके पास से नकली एंटीबायोटिक और दर्द निवारक दवाएं पकड़ी गई हैं।
ड्रग विभाग और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने जून 2021 में आसिफ खान और पिंटू गुप्ता नाम के दो व्यक्तियों को जीफी दवा के साथ दबोचा था। इन लोगों पर आरोप है कि दवाई की रसीद और वाउचर नहीं दिखा सके। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के दौरान ये नहीं बता सके कि इन लोगों ने दवाएं कहां से खरीदी।
बाद में दवाओं के सैंपल की जांच रिपोर्ट से पता चला कि एंटीबायोटिक दवा में कुछ अनिवार्य रसायन नहीं है। ऐसे में इन दवाओं को लेने से मरीजों को नुकसान हो सकता था। दवा कंपनी से संपर्क करने पर उन्होंने भी आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया और कहा कि इन लोगों को दवाइयां नहीं बेची गईं।
बता दें कि जिफी एक उच्च श्रेणी का एंटीबायोटिक है। ड्रग विभाग और पुलिस के मुताबिक लोगों के खिलाफ कानपुर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट अदालत में मुकदमा दर्ज कराया गया है।