संभल (उत्तर प्रदेश)। बबराला में नकली दवा बनाने की फैक्टरी का भंडाफोड़ हुआ है। औषधि विभाग की टीम ने पकड़ी गई फैक्ट्री से मशीनें और उपकरण बरामद किए हैं। मौके से एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है। जांच में पता चला कि फैक्ट्री में पशुओं की नकली दवाएं बनाई जा रही थी।
बदायूं और बुलंदशहर में होती थी नकली दवा सप्लाई
बबराला प्रशासनिक टीम के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी की कई दिनों से शिकायत मिल रही थी।
शिकायत के मद्देनजर ड्रग्स इंस्पेक्टर ने एक मकान में संचालित नकली दवा बनाने वाली फैक्टरी को पकड़ा। टीम ने यहां से पशुओं और लोगों की दवा, पैकिंग करने वाली मशीन और अन्य उपकरण भी बरामद किए हैं। मौके से गिरफ्तार किए गए आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह बदायूं और बुलंदशहर में इन नकली दवाओं की सप्लाई करता था।
यह है मामला
शंकर ज्ञान धर्मशाला वाली गली में किराये के मकान में नकली दवा बनाने की फैक्टरी चल रही थी। ड्रग्स इंस्पेक्टर जयनेंद्र कुमार ने बताया कि बीते दिनों शिकायत मिली कि क्षेत्र में कुछ लोग एक मकान में नकली दवा बनाने का धंधा कर रहे हैं।
इसके चलते ड्रग्स इंस्पेक्टर जयनेंद्र कुमार और फूड इंस्पेक्टर कुलदीप कुमार ने सूचना पर दवा की फैक्टरी में छापा मारा। टीम ने मौके से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया। मकान से दवा और पैकिंग करने की मशीन बरामद की गई है।
बिना लाइसेंस चल रही थी दवा फैक्ट्री
आरोपी व्यक्ति ने पूछताछ में खुद को इस फैक्टरी का मालिक बताया। वह जुनवाई थाना क्षेत्र के मढक़ावली गांव का निवासी है। उसने बिहार से दवा बनाने का लाइसेंस लिया है और बदायूं व बुलंदशहर जनपद में दवा की सप्लाई करने लगा।
टीम ने जांच की तो पता चला कि आरोपी के पास दवा बनाने का कोई लाइसेंस नहीं था। आरोपी को टीम ने पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया। फैक्ट्री से सभी दवाओं को जब्त कर लिया गया है।