कानपुर। नकली व अधोमानक दवा बिक्री करने पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सख्त फैसला लिया गया है, जिसके तहत अब दवा निर्माता व विक्रेता नहीं बल्कि मार्केटिग फर्म भी जिम्मेदार होगी। पकड़े जाने पर अपराध के अनुसार कम से कम दो साल व अधिकतम आजीवन कारावास के साथ ही एक लाख रुपये जुर्माना भी भुगतना होगा।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से अब नियमों को और सख्त किया गया है। इसके तहत अब निर्माता व विक्रेता ही नहीं बल्कि मार्केटिग फर्म भी कार्रवाई की जद में आएगी। सरकार ने औषधि प्रशासन से सुझाव मांगे गए थे, जिसे फरवरी 2020 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को उपलब्ध कराया था।
इसके बाद तकनीकी सलाहकार बोर्ड से परामर्श के बाद औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 12 के द्वारा औषधि और प्रसाधन सामग्री नियम 1945 में संशोधन किया गया है, जिसके तहत अब दवा का प्रचार प्रसार व वितरण करने वाली मार्केटिग फर्म भी जिम्मेदार होगी। बतादें कि नकली व अधोमानक दवा बिक्री करने पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है।
इसके बाद भी जिले में प्रतिबंधित व अधोमानक दवा बिक्री का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। अत्यधिक मुनाफा कमाने के दवा विक्रेता लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे हैं। ड्रग विभाग की ओर से पिछले तीन माह में दो दर्जन से अधिक दवा विक्रेताओं को नोटिस के साथ ही कार्रवाई हुई है, लेकिन इसके बाद भी लोग नियमों की अनदेखी करने से नहीं चूक रहे हैं।