नोएडा। औषधि विभाग को जिले की 7 कंपनियों में नकली सैनिटाइजर बनाने की शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर इनकी गोपनीय जांच शुरू कर दी गई है। जानकारी अनुसार एक व्यक्ति ने विभाग को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया कि सात कंपनियों में मानक के अनुरूप सैनिटाइजर नहीं बनाया जा रहा है। सस्ते केमिकल्स का प्रयोग कर केवल असली सैनिटाइजर का नाम दे दिया जाता है। इसमें अल्कोहल की मात्रा भी बहुत कम होती है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि नकली सैनिटाजर बनाने में विशेष प्रकार के साबुन का प्रयोग किया जाता है। फिर इसमें केमिकल मिलाया जाता है, ताकि अल्कोहल की तरह ही खुशबू आए। इससे लोगों को संदेह नहीं होता है। जबकि, असली सैनिटाइजर में 70 फीसदी अल्कोहल होता है। अधिकारियों का कहना है कि यदि कोई दुकानदार नकली सैनिटाइजर बेच रहा है तो वह उसका बिल नहीं देगा। ऐसे में उससे बिल लेकर बोतल या शीशी की जांच के लिए गूगल पर कंपनी और लाइसेंस नंबर की जानकारी भी ली जा सकती है। इससे असली और नकली सैनिटाइजर की पहचान की जा सकती है।