हनुमानगढ़। कोर्ट ने नशीली दवा तस्करी में पकड़े गए दोषी को 15 साल कैद की सजा सुनाई है। विशिष्ट न्यायाधीश एनडीपीएस मसरूरआलम खान ने नशीली दवा तस्करी के मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि दवा का नशे के रूप में बढ़ता इस्तेमाल समाज व देश को रोगग्रस्त कर रहा है। इसकी तस्करी करने वाले दोषियों से नरमी नहीं बरती जा सकती। हनुमानगढ़ जिले में नशीली दवा तस्करी की समस्या बहुत गंभीर रूप ले चुकी है। कोर्ट ने करीब दो साल पुराने मामले में एक व्यक्ति को नशीली दवाइयों की तस्करी का दोषी करार देते हुए उसे 15 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को एक साल अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। दोषी करार दिया गया पवन कुमार सिंधी पुत्र केवलकृष्ण सिंधी निवासी जंक्शन इस मामले में गिरफ्तारी के दिन से ही न्यायिक अभिरक्षा में जेल में है। उसकी कोर्ट ने जमानत मंजूर नहीं की।
जानकारी अनुसार 28 अक्टूबर 2016 को जंक्शन थाने के तत्कालीन प्रभारी रणवीर मीणा ने मुखबिर की सूचना पर सिविल लाइन इलाके में अबोहर बाइपास के पास नाकाबंदी की। तभी पुलिस को कार्टन लेकर एक युवक आता दिखा। संदिग्ध लगने पर पूछताछ की तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। कार्टन की तलाशी ली तो एल्प्राजोलाम की 15000 टेबलेट बरामद हुई। युवक की पहचान पवनकुमार सिंधी पुत्र केवलकृष्ण सिंधी निवासी जंक्शन के रूप में हुई। आरोपित के पास दवा के भंडारण व विक्रय के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं मिला। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/21, 22 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने जांच कर चालान पेश किया। कोर्ट ने दोषी करार देते हुए उसे सजा सुनाई।