रायपुर। तस्करों को डेढ़ करोड़ से अधिक की प्रतिबंधित नशीली दवा सप्लाई करने वाले फरार दवा दुकानदार अजय चौहान और अतिसोर कुमार की तलाश में पुलिस टीमें आसपास के राज्यों में रवाना हो गई हैं। पुलिस अफसरों का दावा है कि जल्द ही आरोपी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
गौरतलब है कि ड्रग विभाग और मौदहापारा पुलिस टीम ने 6 दिसंबर को तस्करों को पहुंचाई जा रही नशीली दवाओं के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया था। राजेश अग्रवाल की टाटीबंध स्थित तिरुपति फार्मा से पचास पेटी कोडिन युक्त आरसी कफ सिरप की बोतलें बरामद की थीं। पुलिस ने मामले में दुर्ग जिले के अमलेश्वर स्थित कोर हेल्थ बायोटेक और चौहान मेडिकल भिलाई के संचालक अजय चौहान और अतिसोर कुमार के खिलाफ एफआइआर दर्ज की, लेकिन दोनों छापामारी की भनकर पाकर फरार हो गए। इसके चलते पुलिस को केवल दवा की पेटी जब्त कर वापस लौटना पड़ा। पुलिस अफसरों का कहना है कि तिरुपति फार्मा टाटीबंध से एक महीने में दोनों मेडिकल दुकानों के नाम पर 1 लाख कप सिरफ की सप्लाई की गई थी हालांकि राजेश अग्रवाल ने दवा सप्लाई के पूरे दस्तावेज पुलिस को दिए हंै। यहां हैरानी वाली बात यह है कि प्रदेशभर में चौहान मेडिकल स्टोर्स और बायो हेल्थ केयर को ही सबसे ज्यादा प्रतिबंधित कफ सिरप की बड़ी खेप सप्लाई की गई, जबकि बायो हेल्थ केयर का छह महीने से शटर बंद पाया गया। इसके बावजूद दुकान के नाम पर दवा सप्लाई करना संदेहास्पद है। दुकान की तलाशी लेने पर नाममात्र का स्टॉक मिलना यह दर्शाता है कि दवाओं की खरीद-फरोख्त में बड़ा खेल चल रहा था। केवल नशीली दवाएं ही क्यों भेजी गई। दुकान में दूसरी किस्म की दवा बिक्री या खरीदने की कोई एंट्री नहीं मिली थी। ऐसे में सप्लायर राजेश अग्रवाल की भूमिका भी जांच के घेरे में है। दवा दुकानदारों के पकड़े जाने से बड़ा खुलासा होने की उम्मीद की जा रही है।