शिमला : हिमाचल में पकड़ी गई नशीली औऱ प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार पंजाब से राजस्थान तक फैला हुआ है. जांच के दौरान खुलासा हुआ कि हरियाणा के जिस फार्मा के खिलाफ सीआईडी थाना शिमला में मुकदमा हुआ है, उसने बद्दी और जीरकपुर में स्थापित जैनेट फार्मा से करीब 15 लाख की प्रतिबंधित दवाएं मंगवाईं थी.

जब नारकोटिक्स ब्यूरो ने हरियाणा करनाल के फर्म का स्टाक रजिस्ट्रर चेक करवाया तो, वह दवाओं की सेल नहीं दिखा पाया. जैनेट फार्मा ने लाखों की दवाएं उसके नाम से ट्रांसपोर्ट के जरिये करनाल के बजाय कहीं और भेज दीं.

शुरुआती पूछताछ में करनाल के फर्म प्रबंधकों ने कहा कि उसने जैनेट फार्मा को केवल अपने दस्तावेज दिए थे. जिसके लिए उन्हें एक लाख रुपये दिए गए थे.

इसके लिए उसने फार्मा का लाइसेंस, परचेज ऑर्डर की कॉपी और जीएसटी नंबर आरोपित जैनेट कंपनी को दिया.
इस बात से यह साफ है कि लाखों की प्रतिबंधित दवाओं के लिए सिर्फ दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ.

यह दवाएं किसे सप्लाई की गई इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पा रही है. इस दवाओं की सप्लाई के तार कई ड्रग्स माफिया के साथ जुड़े होने का पूरा अंदेशा है. उधर, डीएसपी नारकोटिक्स शिमला दिनेश शर्मा ने कहा कि मामले की जांच चल रही है.

जैनेट फार्मा के संचालक और मैनेजर ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं . उन्हें न्यायिक हिरासत में रखा गया है.