सोलन (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल में बनने वाली 23 दवाइयों के सेंपल फेल पाए गए हैं। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर सभी कंपनियों को बाजार से इन दवाओं के स्टॉक वापस मंगाने के नोटिस जारी कर दिए हंै। नोटिस मिलने से दवा कंपनियों में अफरा-तफरी का माहौल बना है। जो दवाएं मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई हैं उनमें नितिन लाइफ साइंस सिरमौर का मैक्मिका इंजेक्शन और निक्सिन इंजेक्शन, हेल्थ बॉयोटेक बद्दी ऑन सेट इंजेक्शन उल्टी के लिए इस्तेमाल, थियोन फार्मास्यूटिकल नालागढ़ सेफ्ट्रीक्सोन इंजेक्शन जो कि संक्रमण में एंटीबायोटिक के तौर पर इस्तेमाल होता है। एलायंस बायोटेक बद्दी फंगल डायस्ट, श्रीराम हेल्थ केयर झाड़माजरी सिट्रीजिन टेबलेट, सिपला बद्दी की ऑफलोक्सासिन डिस्परसिबल दवा जो कि एंटीबॉयोटिक व बैक्टिीरियल इंफेक्शन के लिए उपयोगी है, को भी दवा मानकों पर खराब पाया गया है।
रैकिट हेल्थ केयर बद्दी सोलन की पैरासिटामोल, जैप्शी कैम फार्मा नालागढ़ पैंटाप्राजोल, मैडाक्स लाइफ साइंस कांगड़ा एटोक्सटेन एमआर टेब, स्कोहिंद लैब बद्दी सेफिक्सिम टैब, गल्फ लैब बद्दी लैक्टूलूज (3 बैच), लैबोरेट फार्मास्यूटिकल पांवटा साहिब, डाक्सीलेमिन (2), मैडिपोल फार्मास्यूटिकल डॉक्सीलेमिन, आस्कर रैमेडीज कालाअंब एक्लोवे टेबलेट, प्रीमियस फार्मास्यूटिकल कालाअंब डाक्सीलेमिन, जेप्सी कैम नालागढ़ एरीसीपो टैब, एसवीएस बायोटेक कालाअंब रिप्टिन टेबलेट व साई ब्लीस ड्रग पावंटा साहिब का सैट्रिक्सोन के नाम शामिल हैं।