नई दिल्ली। राजधानी के नामी निजी अस्पताल में आने वाले गरीब मरीजों के इलाज से इनकार करने का मामला सामने आया है। इस बारे में हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित निरीक्षण कमेटी के सदस्य अशोक अग्रवाल ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर की है। अस्पताल पर पांच मरीजों के इलाज नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पांचों मरीज अस्पताल में इलाज के लिए गए थे। उनके पास खाद्य सुरक्षा कार्ड भी है। फिर भी अस्प्ताल ने उन्हें मुफ्त इलाज देने से इनकार कर दिया, जबकि निजी अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के मरीजों को मुफ्त इलाज देने से मना नहीं कर सकते हैं। उन्होंने मुख्य सचिव से अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। सरकार से सहायता प्राप्त निजी अस्पतालों में गरीब मरीजों के लिए 10 फीसद बेड आरक्षित रखने का प्रावधान है। वहीं, ओपीडी में 25 फीसद गरीब मरीजों के इलाज का प्रावधान है।