बरेली। निजी अस्पताल में आशाएं पकड़ी गईं तो वे मौके पर पहुंची टीम के अधिकारियों को फर्जी नाम और पता बताकर फरार हो गईं। इसका खुलासा तब हुआ, जब उनके नाम का नोटिस संबंधित सीएचसी और पीएचसी के एमओआइसी के पास पहुंचा। बताया गया कि जो नाम नोटिस में हैं, उस नाम की आशाएं उनके यहां कार्यरत नहीं हैं। अब वीडियो दिखाकर दूसरी आशाओं से उनकी पहचान करवाई जा रही है।

नोवा अस्पताल में मीटिंग करती पकड़ी गईं 16 आशाएं

सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने बताया कि उन्हें मिनी बाइपास स्थित नोवा केयर अस्पताल में देहात की आशाओं को बुलाकर बैठक की सूचना मिली थी। तत्काल स्वास्थ्य विभाग की एक टीम अस्पताल में निरीक्षण के लिए भेजी गई। अस्पताल में 05 ब्लॉक की 16 आशाएं बैठक में उपस्थित मिलीं। टीम में शामिल अधिकारियों ने उनसे बैठक में मौजूदगी का कारण पूछा, तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं।

आशाओं की वीडियोग्राफी करवाई

टीम ने अस्पताल में मौजूद सभी आशाओं की फोटो-वीडियोग्राफी करवाई। इसके साथ ही उनके नाम और पते भी नोट किये। इसके बाद सीएमओ को विवरण दिया। इस पर सीएमओ ने 05 ब्लाकों के एमओआइसी को पत्र जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा। हैरानी तब हुई, जब जब यह पत्र संबंधित एमओआइसी के पास पहुंचा और उन्होंने अपने-अपने ब्लॉक में उन आशाओं के कार्यरत नहीं होने की बात कही। इसकी जानकारी से सीएमओ कार्यालय में भी खलबली मची है।

आशाओं ने यह फर्जी नाम व पते बताए

सीएमओ के अनुसार बैठक में बिथरी चैनपुर ब्लॉक की प्रीती, रामा देवी, पूनम, गीता, बबली, और नीतू शामिल थीं। दलेलनगर ब्लॉक की राम लली, सुनीता, रामश्री, सुनीता, रीना, और हेमलता, नवाबगंज ब्लॉक की सावित्री और गीता के अलावा भोजीपुरा की गुडिया और भुता की रामा शामिल थीं।