कोयंबटूर। निजी अस्पताल व डॉक्टरों की टीम को 20 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग कोयंबटूर ने मेट्टुपालयम रोड स्थित कल्पना अस्पताल और पांच डॉक्टरों की टीम को जारी किए। शिकायतकर्ता तांगेडेको साईब्रह्मण के एक सहायक अभियंता को एक माह के भीतर भुगतान करना होगा।

उनकी पत्नी राजलक्ष्मी (43) की 2018 के दौरान लापरवाही और सेवा में कमी के कारण मौत हो गई थी।
उपभोक्ता अदालत ने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता को मानसिक पीड़ा और भावनात्मक आघात पहुंचा है।

यह है मामला

जानकारी अनुसार, राजलक्ष्मी को एक दुर्घटना में ठोड़ी में फ्रैक्चर होने पर सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन प्रक्रिया से पहले रक्त आधान के समय उत्पन्न जटिलताओं के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी। शिकायतकर्ता का तर्क था कि रक्त आधान के समय मरीज को अकेला छोड़ दिया गया था।

अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी तमिल सेल्वन ने डिस्चार्ज समरी में मौत का कारण हृदय गति रुकना बताया था। पेरूर पुलिस ने आईपीसी की धारा 304 ए (उतावलेपन या लापरवाही से हुई मौत जो गैर इरादतन हत्या नहीं है) के तहत मामला दर्ज किया था। कोयम्बटूर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद, मौत का कारण आधान-संबंधी तीव्र फेफड़े की चोट (टीआरएएलआई) बताया गया।

इस पर शिकायतकर्ता ने उपभेक्ता आयोग का सहारा लिया। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम के अध्यक्ष आर. थंगावेल ने अपने आदेश में विपक्षी पक्ष को शिकायतकर्ता को कार्यवाही की लागत के रूप में 5,000 रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया।