रायगढ़ (छग)। दवा निर्माता कंपनियां नियमों की अनदेखी कर मनमर्जी के दामों पर दवाइयां बेच रही हैं। औषधि विभाग ने बीते छह माह में क्षेत्र में बिक रही 30 से अधिक दवाओं के दाम नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइज अथॉरिटी के डीपीसीओ (ड्रग प्राइज कंट्रोल आर्डर) 2013 से अधिक पाए हैं। इसमें नामी दवा निर्माता कंपनियों द्वारा बेची जा रही आई ड्राप, एंटीबायोटिक, इंजेक्शन, बच्चों के सीरप व अन्य जीवन रक्षक दवाएं शामिल हैं। इनकी कीमतों में एक से 27 रुपए तक का अंतर मिला है। केंद्र सरकार की नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइज अथॉरिटी (एनपीपीए) सभी दवा की कीमतों का निर्धारण और नियंत्रण रखने का काम करती है।
दवा निर्माता कंपनी एनपीपीए द्वारा निर्धारित कीमतों के अनुरूप ही दवा बाजार में दवाएं बेच सकती हैं। इससे अधिक कीमत पर दवा बेचे जाने पर दवा कंपनियों के खिलाफ जुर्माने का प्रावधान है। इसके बावजूद दवा कंपनियां अपनी मनमानी पर उतारु हैं। जानकारी के अभाव में लोगों को दवा के लिए अधिक दाम देना पड़ रहा है। इन दवाओं की कीमत पर नियंत्रण लगाने, दवा के नाम, बैच नंबर और बनाने वाली कंपनी की पूरी जानकारी ड्रग कंट्रोलर को भेजी गई है। भविष्य में ऐसी कंपनियों को अधिक दाम लेने के एवज में जुर्माना चुकाना पड़ेगा।