जालंधर: पंजाब कैमिस्ट एसोसिएशन (पीसीए) दवाइयों की ब्रेकेज और एक्सपायरी पर लगने वाले जीएसटी के खिलाफ लड़ाई लडऩे की तैयारी में है। जालंधर में पीसीए की कार्यकारिणी की बैठक में संघर्ष की रणनीति को अमलीजामा पहनाया गया। पीसीए के कार्यकारी प्रधान जीएस चावला के मुताबिक, दवाइयों की ब्रेकेज और एक्सपायरी को वापस दवा निर्माता कंपनियों को भेजने से औसतन जीएसटी 12 प्रतिशत लगाकर भेजना पड़ता है, जिसका घाटा दवा विके्रताओं को सहना पड़ता है। उन्होंने दवाइयों की ब्रेकेज एक्सपायरी को नगर निगम के कचरे की श्रेणी में रखकर इसे जीएसटी मुक्त करवाने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष मांग रखने की बात कही है।

पीसीए सचिव एवं एआइओसीडी के राष्ट्रीय उपप्रधान तथा उत्तर भारत के प्रधान सुरिंदर दुग्गल ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के सामने समस्या रखी थी, मगर समाधान होता नहीं दिख रहा। उन्होंने बताया कि पंजाब में ड्रग लाइसेंस रीन्यू के लिए भी कड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जबकि अन्य राज्यों में प्रक्रिया सुलभ है। केंद्र सरकार ने ड्रग लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए केवल 3000 रुपये फीस जमा करवाने की व्यवस्था कर रखी है। पीसीए का प्रतिनिधिमंडल एफडीए कमिश्नर वरूण रूजम तथा ज्वाइंट कमिश्नर प्रदीप मट्टू से मुलाकात करेगा। फिर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो राज्य के 22000 के करीब दवा विके्रता चंडीगढ़ में रोष प्रदर्शन करेंगे।