पटना (बिहार)। पारस हॉस्पिटल में अगले 6 महीने तक केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत मरीजों का इलाज नहीं होगा। इलाज में लापरवाही का मामला पकड़ में आने पर CGHS ने यह कार्रवाई की है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने CGHS के पैनल से पारस हॉस्पिटल को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया है। बता दें कि CGHS के अंतर्गत पेंशनकर्मी, उनके परिवार के सदस्यों और केंद्रीय कर्मचारी आते हैं। CGHS पटना के अपर निदेशक ठाकुर अभय कुमार सिंह ने कहा कि पारस हॉस्पिटल में अगले 6 महीने तक इलाज नहीं होगा। इस योजना के तहत पारस में इलाज के लिए एडमिट सभी मरीजों को एक सप्ताह के अंदर डिस्चार्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

फर्जी डिग्री पर 3 साल तक इमरजेंसी वार्ड में इलाज किया

बता दें कि पारस हॉस्पिटल राजधानी पटना का प्रसिद्ध निजी अस्पताल है। यह अस्पताल कई बार विवादों में भी रहा है। हाल ही में फर्जी डिग्री लेकर 3 साल से पारस हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर का खुलासा हुआ था।

आरोपी डॉक्टर के खिलाफ करवाई एफआईआर

मो. शमीम फारुखी नामक फर्जी डॉक्टर वर्ष 2020 से 2023 तक पारस हॉस्पिटल में MBBS डाक्टर के तौर पर मरीजों की जिंदगी से खेल रहा था। मामला सामने आने के बाद अस्पताल ने उसे नौकरी से निकाल दिया था। अस्पताल प्रशासन ने शास्त्री नगर थाने में फर्जी डॉक्टर के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था।

इस फर्जी डॉक्टर की वजह से अस्पताल का नाम बदनाम हो रहा था। इसके चलते अस्पताल प्रशासन ने शमीम फारुखी नामक फर्जी डॉक्टर को हॉस्पिटल से निकाल बाहर किया गया। गौरतलब है कि इससे पहले भी पारस अस्पताल से अनियमितताओं की खबरें आती रही हैं।