मुजफ्फरपुर। वायरल और टीकाकरण के बाद होने वाले फीवर के कारण पिछले 15 दिनों में पारासिटामोल की बिक्री में तेजी से इजाफा हुआ है। कोरोना टीकाकरण शुरू होने के बाद पारासिटामोल की बिक्री दोगुनी बढ़ गयी थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से वायरल फीवर के कारण विभिन्न कंपनियों का पारासिटामोल की बिक्री सबसे अधिक है। फिजिशियन डॉ नवीन कुमार ने कहा कि टायफायड और बैक्टीरियल इंफेक्शन में कफ जमना, सांस लेने में परेशानी होना सहित अन्य बीमारियों के मरीज भी अधिक आ रहे हैं। एजीथ्रोमाइसन सहित अन्य एंटीबायोटिक दवा इन मरीजों के लिए जरूरी है, इसलिए इन दवाओं की डिमांड बढ़ी है।
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष दिलीप कु जालान ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में दवाओं की खपत बढ़ी थी, वह अब भी जारी है। पारासिटामोल व एंटीबायोटिक दवाएं तो बिक रही रही हैं, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की दवाएं भी अब अधिक बिक रही हैं। कोरोना के बाद से अब कई मरीज नियमित रूप से दवाओं का सेवन कर रहे हैं। फिलहाल पूरे राज्य में दवाओं की किल्लत नहीं है। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजन साहू ने कहा कि वायरल बुखार के कारण इन दिनों पारासिटामोल की खपत काफी बढ़ी हुई है। कंपनियां दवाओं की आपूर्ति मांग के अनुसार कर रही है, इसलिए दवाओं की किल्लत नहीं है। बैक्टीरिया जनित इंफेक्शन और टायफायड के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की भी मांग काफी है। हाेलसेलर के पास दवाओं का स्टॉक भी पर्याप्त है।
शहर के होलसेल कारोबारियों की मानें, तो पहले करीब पांच हजार स्ट्रिप यानी 50 हजार टैबलेट पारासिटामोल होलसेल बाजार से निकला करता था, लेकिन अब करीब दो लाख टैबलेट रोज होलसेल बाजार से निकल रहा है। इसके अलावा टायफायड और बैक्टीरियल इंफेक्क्शन के बढ़ने से एंटीबायोटिक दवा एजीथ्रोमाइसिन, सिफैक्सीन, एमोक्सीसिलिन व क्लोवोनिक की डिमांड भी काफी है। फिलहाल विभिन्न कंपनियों की ओर से मांग के अनुसार दवाएं भेजी जा रही हैं, इसलिए दवा की किल्लत नहीं है। खुदरा दुकानदार आसीत ने बताया कि पहले सप्ताह में दो दिन पारासिटामोल की खरीदारी करते थे। अब रोज होलसेल मार्केट से दवा खरीद रहे हैं।