रोहतक। पीजीआईएमएस में जब्त अवैध ऑर्थो इम्प्लांट मामले में रविवार सेवानिवृत जज की चल रही फैक्ट फाइंडिंग जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इसमें एक सीनियर डॉक्टर का नाम सामने आया है, जिसने जब्त इम्प्लांट ना छोड़ने पर सुरक्षा अधिकारी को धमकी तक दी थी। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सेवानिवृत जज अब तक संस्थान से भी बार-बार जिम्मेदार डॉक्टर का नाम ही पूछ रहे हैं, जिसकी कड़ी रविवार को जांच अधिकारी के समक्ष खुलनी शुरू हो गई है।

बतादें कि जांच अधिकारी ने जब्त किए गए इम्प्लांट के समय बतौर डीएमएस सुरक्षा में शामिल रहे डॉ. सुखबीर बराड को भी बुलाया है। अगली सुनवाई तीन जनवरी 2021 को होगी। अधिकारी ने सामान जब्त करने की तीन तारीखों के दिन के डॉक्टरों व मरीजों की लिस्ट भी मांगी है। दरअसल सेवानिवृत्त जज आरपी भसीन ने बतौर जांच अधिकारी डॉ. बीएम वशिष्ठ, मुख्य सुरक्षा अधिकारी मेजर नीरज शर्मा, पूर्व सुरक्षा अधिकारी नरेंद्र सरोहा व एक महिला स्टाफ को बुलाया था। बताया जा रहा है कि जांच अधिकारी के समक्ष दिए गए बयानों में कुछ डॉक्टरों के बारे में बताया गया है और ऑर्थो के एक सीनियर डॉक्टर के खिलाफ बड़ा बयान दिया गया है।

यही नहीं इम्प्लांट जब्त किए जाने के दिन ऑपरेशन थियेटर में मौजूद सीनियर डॉक्टर भी अब सवालों के घेरे में आ गए हैं। 25 जुलाई 2018, 11 अगस्त 2018 व 13 अगस्त 2018 को पूर्व निदेशक डॉ. नित्यानंद व सुरक्षा अधिकारी नरेंद्र सरोहा ने सारा अवैध इम्प्लांट स्पेशल निरीक्षण में जब्त किया था।