रोहतक। हरियाणा स्टेट टीचर मेडिकल एसोसिएशन, रोहतक व पीजीआईएमएस की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी द्वारा पीजीआईएमएस के कोरोना वॉरियर्स के लिए अपना फैकल्टी हाउस ना देने के निर्णय पर विरोध जताया है। आरडीए के प्रधान डॉ. कुणाल गाबा व जनरल सेक्टरी डॉ. बलजीत सिंह ने कहा एक तरफ पूरे देश में कोरोना वॉरियर्स के लिए फूल बरसाए जा रहे हैं, तरह-तरह तरह से उनका धन्यवाद व्यक्त किया जा रहा है। दूसरी तरफ हमारी पड़ोसी यूनिवर्सिटी जिसने अपने जरूरत के हिसाब से अपने कर्मचारियों व छात्रों के लिए रिसर्च व इलाज के लिए पीजीआईएमएस के साथ एमओयू किया था, आज वही एमडीयू जब पीजीआइएमएस के डाक्टर और स्टाफ को जरूरत पड़ी है तो अपने कदम पीछे खींच रही है। वहां की टीचर, छात्र व नॉन टीचिंग एसोसिएशन द्वारा एक अधिवेशन पास करवा दिया गया कि पीजीआई में ड्यूटी पर लगे डॉक्टरों, स्टाफ नर्स व अन्य कर्मचारियों को एमडीयू के फैकल्टी हाउस में नहीं रुकने दिया जाएगा। डॉ. गाबा ने कहा कि हमें बड़ा ही दुख होता है कि हम अपने परिवार से दूर रहकर अपनी जान हथेली पर रखकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ हमें ठहरने ना देने का फरमान जारी करने वाला एमडीयू हमारा मनोबल गिरा रहा है। उन्होंने कहा कि हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं । डॉ. बलजीत सिंह ने कहा कि एमडीयू को ऐसे समय में अपना फैकल्टी हाउस ही नहीं, अपने हॉस्टल भी कोरोना वॉरियर्स के लिए खोल देने चाहिए थे, लेकिन उन्होंने अपना असली चेहरा दिखाते हुए साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय कोरोना वॉरियर्स के हौसले को गिरा रहा है। एमडीयू फैकल्टी को टीचिंग, कर्मचारी व छात्र एसोसिएशन को चाहिए कि अपने इस निर्णय में सुधार करते हुए अपने फैकल्टी हाउस को कोरोना वॉरियर्स के लिए खोलें जिससे चिकित्सकों व अन्य स्टाफ का मनोबल ऊंचा हो सके।