चंडीगढ़। देश में कोरोना के साथ ओमीक्रोन का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के भी संक्रमित होने की खबरें आ रही हैं। हरियाणा समेत चंडीगढ़ में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले दो दिनों में चंडीगढ़ पीजीआई में 87 रेजिडेंट डॉक्टर और स्टाफ को मिलाकर कुल 146 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। जिससे कि चंडीगढ़ पीजीआई में हड़कंप मचा हुआ है।
चंडीगढ़ पीजीआई में आज 8 डॉक्टर और कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। पीजीआई के एक हॉस्टल से ये मामले सामने आए हैं। पीजीआई प्रशासन ने हॉस्टल में अन्य डॉक्टरों को बचाव के लिए कदम उठाने के लिए कहा है। खबर है कि अब तक 285 285 स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। जिससे कि चंडीगढ़ पीजीआई में हड़कंप मचा हुआ है।
बता दें पीजीआई चंडीगढ़ कैंपस में 4 जनवरी को 90 स्वास्थ्य कर्मचारियों और 37 डॉक्टरों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। बता दें कि 12 दिसंबर 2020 से, 285 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारी और संस्थान के डॉक्टर कोविड संक्रमित मिले हैं। जिनमें अधिकांश टीके की दोनों डोज ले चुके हैं, कुछ को टीका नहीं लगा है, जबकि कुछ लोगों ने केवल एक ही डोज ली है।
डॉ पीवीएम लक्ष्मी, प्रोफेसर, कम्युनिटी मेडिसिन एंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, पीजीआई का कहना है कि अब तक संक्रमण हल्के रहे हैं और जब वे स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर भारी पड़ेंगे, तो उन्हें उम्मीद है कि वे संकट से निपट लेंगे। उन्होंने बताया कि पिछली बार आइसोलेशन दस दिन का था, और अब यह सात दिन है, इससे भी मदद मिलेगी. पूरे देश में टीकाकरण गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचा रहा है, यह एक अच्छा संकेत है। बच्चों का टीकाकरण और वरिष्ठों के लिए एहतियाती डोज, वह भी महत्वपूर्ण है।
चंडीगढ़ पीजीआई की प्रोफेसर वीकेएस लक्ष्मी ने बताया कि ये मामले पिछले दो दिनों में आए हैं। ये सब मामले माइल्ड हैं। सभी को क्वारंटीन किया गया है। सभी कोरोना पॉजिटिव लगातार डॉक्टरों की निगरानी में है। इसके अलावा चंडीगढ़ सेक्टर 16 अस्पताल और सेक्टर 32 अस्पताल की जाए तो इन सबको मिलाकर हेल्थ केयर वर्कर, डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को मिलाकर 285 के करीब कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। ये मामले पिछले दस दिनों में सामने आए हैं।
पीजीआई के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर राकेश कोचर का कहना है कि ओमिक्रोन के मामले बढ़ रहे हैं क्योंकि यह ज्यादा तेजी से फैलता है। प्रोफेसर कोचर कहते हैं, हालांकि इससे हल्की बीमारी ही हो रही है लेकिन बिना टीकाकरण वाले, आंशिक रूप से टीका लगवाए लोग, बुजुर्गों या बीमारियों वाले लोगों में यह गंभीर हो सकता है।