पुणे।  कोरोना की रोकथाम के लिए जहां दुनिया भर की कंपनियां वैक्सीन बनाने का प्रयास कर रही हैं।  वहीं पुणे आधारित फार्मा कंपनी नोवलिड  ने कोविड-19 के इलाज में कारगर दवा बनाने का दावा किया है। नोवलिड का कहना है 2200 दवाओं पर रिसर्च के बाद उसके वैज्ञानिकों की टीम ने तीन ऐसी दवाएं खोजी हैं, जिनके जरिए कोरोना मरीजों का उपचार किया जा सकता है। कंपनी ने इन दवाओं का ट्रायल मरीजों पर करने की अनुमति ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मांगी है।

नोवलिड फार्मा के वैज्ञानिक सुप्रीत देशपांडे ने बताया कि हमने 2 हजार 200 दवाओं पर रिसर्च किया। इसके बाद उनमें से 42 दवाएं अलग की गईं। इनमें से कोरोना का संक्रमण कम करने में तीन दवाएं सबसे कारगर पाई गईं। उन्होंने दवा के नाम का खुलासा नहीं किया। लेकिन, यह जरूर बताया कि इनमें हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन शामिल नहीं है। देशपांडे ने कहा कि उचित समय पर दवा के नाम की घोषणा करेंगे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से भी कुछ दवाओं का परीक्षण किया जाएगा। डब्लूएचओ पता लगाना चाहता है कि कौन-सी दवा कोरोना वायरस से लडऩे के लिए कितनी असरदार है। डब्लूएचओ भारत में भी कम से कम डेढ़ हजार मरीजों पर ट्रायल करेगा। इस प्रोगाम के तहत तकरीबन 100 देशों के मरीजों पर परीक्षण होगा। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से डब्लूएचओ के ट्रायल के लिए मरीजों का चयन किया जा रहा है। आईसीएमआर सूत्रों के अनुसार डब्लूएचओ के ट्रायल में नौ हॉस्पिटल शामिल होंगे। ट्रायल के दौरान मरीजों को एंटी वायरल ड्रग-रेमेडिसविर, क्लोरोक्वीन/हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन, लोपिनवीर-रीटोनवीर जैसी दवाएं दी जाएंगी।