पूर्णिया की सरकारी स्कूल में सर्वजन दवा सेवन अभियान को लेकर फाइलेरिया की दवा खिलाने से 50 स्कूली बच्चे बीमार पड़ गए। बीमार बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैसा में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य केंद्र के डॉ मनोज कुमार ने बताया कि अभी तमाम बच्चे खतरे से बाहर हैं। उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर है।

फाइलेरिया की दवा खाने से बच्चे हुए बेहोश

सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत बुधवार को दोपहर 12 बजे सरकारी स्कूलों में बच्चों को फाइलेरिया और कृमि की दवा खिलायी गई। दवा खाते ही बच्चे बेहोश होने लगें। वहीं कुछ को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत आने लगी। कुछ बच्चे स्कूल में तो वहीं कुछ घर जाते हुए बीमार पड़ गए। इसके बाद अफरा तफरी का माहौल मच गया। आनन-फानन में बच्चों को सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। वहां इलाज के बाद बच्चों की हालत में सुधार आया।

फाइलेरिया अभियान के अंतर्गत खिलाई गई दवा

दरअसल, फाइलेरिया अभियान के अंतर्गत आशा सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों को फाइलेरिया की बीमारी से बचाव के लिए दवाएं खिला रही हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बजापते आंगनबाड़ी और आशा की टीम लगा रखी है। इसी टीम ने बच्चों को फाइलेरिया के रोकथाम को लेकर दी जाने वाली दवा खिलाई। जिसके बाद स्कूली बच्चों की तबियत बिगड़ने लगी।

बिना कुछ जाने समझे बच्चों को खिला दी दवा

टीम ने बिना कुछ जाने समझे बच्चों को फाइलेरिया और कृमि की दवा खिला दी। फाइलेरिया की दवा खाने से अलग – अलग सरकारी विद्यालयों के तकरीबन 50 बच्चे बीमार हो गए। इससे गांव और स्कूल में अफरातफरी का माहौल बन गया। देखते ही देखते तकरीबन 50 बच्चे सीएचसी पहुंचे और वहां उनका इलाज शुरू हुआ।

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इस मामले पर जिले के सिविल सर्जन अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि आशा ने भूखे बच्चों को खाली पेट ये दवा खिला दी थी। जिस वजह से बच्चे थोड़े बीमार पड़ गए थे। फिलहाल सभी बच्चे सुरक्षित हैं।