नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने नकली एंटीबायोटिक दवाओं की जांच के लिए एक पेपर टेस्ट विकसित किया है। इस जांच से चंद मिनटों में ही नकली दवा की पहचान की जा सकती है। नकली या घटिया दवा होने पर पेपर का रंग लाल हो जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनियाभर में सभी तरह की दवाओं में करीब दस फीसद के नकली होने का अनुमान है। इनमें 50 फीसद तक एंटीबायोटिक दवाएं हो सकती हैं। 1 नकली या निम्न गुणवत्ता की एंटीबायोटिक दवाओं से ना सिर्फ रोगी की जान खतरे में पड़ सकती है, बल्कि दूसरी समस्याएं भी खड़ी हो सकती हैं। इस समस्या से निपटने के लिए अमेरिका की कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह आसान और किफायती तरीका ईजाद किया है।